Edited By Parminder Kaur,Updated: 03 Mar, 2025 12:51 PM
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ब्रज में होली का आनंद अब पूरी तरह से फैलने लगा है। फुलेरा दौज पर ठाकुर राधावल्लभलाल ने गुलाल की होली खेली। वहीं संत प्रेमानंद ने श्रीराधा केलिकुंज में आश्रम के साधकों के साथ धूमधाम से होली का आनंद लिया। संत प्रेमानंद ने श्रीराधाजू को गुलाल अर्पित...
नेशनल डेस्क. ब्रज में होली का आनंद अब पूरी तरह से फैलने लगा है। फुलेरा दौज पर ठाकुर राधावल्लभलाल ने गुलाल की होली खेली। वहीं संत प्रेमानंद ने श्रीराधा केलिकुंज में आश्रम के साधकों के साथ धूमधाम से होली का आनंद लिया।
संत प्रेमानंद ने श्रीराधाजू को गुलाल अर्पित करने के बाद आश्रम में होली खेली और इस दौरान साधकों के चेहरे पर होली की उमंग साफ दिखाई दी। संत प्रेमानंद के साथ साधक होली के रसिया गाने पर झूमने लगे। वसंत पंचमी से ही ब्रज के मंदिरों में होली का उल्लास छाया हुआ है।
श्रीराधाकेलि कुंज से होली की शुरुआत
शनिवार सुबह रमणरेती स्थित श्रीराधाकेलि कुंज में एकांतिक वार्ता के बाद संत प्रेमानंद ने श्रीराधाजू को फूल अर्पित कर गुलाल लगाया और फिर साधकों के साथ होली की शुरुआत की। इस दौरान "नंद गांव से होरी खेलन नटवर नंद किशोर" के रसिया पर संत प्रेमानंद और साधक झूम उठे।
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पिचकारी से रंगों की बौछार
संत प्रेमानंद ने साधकों पर पिचकारी से रंगों की बौछार की, जिससे हर कोई होली के इस आनंद में सराबोर हो गया। संत ने न सिर्फ साधकों पर गुलाल लगाया, बल्कि उन्हें टेसू के रंगों से भी रंग दिया। होली का यह उत्सव आश्रम में पूरी तरह से छा गया और हर कोई रंगों में रंगकर खुशियों से झूमने लगा।
वृंदावन के मंदिरों में होली का उल्लास
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वृंदावन के प्रमुख मंदिरों जैसे ठाकुर राधावल्लभ और राधारमण मंदिर में होली का उत्सव पूरी तरह से उमंग से भरा हुआ था। श्रद्धालु गुलाल में सराबोर होकर नाचते-गाते हुए होली के रसिया पर झूमते नजर आए। मंदिरों का माहौल होली के रंगों से पूरी तरह रंगीन हो गया था। श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था।
ब्रज में होली का माहौल और श्रद्धालुओं की भीड़
"जग होरी ब्रज होरा" की तर्ज पर वृंदावन में होली का उल्लास पूरे शहर में फैल चुका है। रविवार की सुबह "उड़त गुलाल लाल भए बदरा" के धुन पर गुलाल की फुहारें उड़ रही थीं और श्रद्धालु रंगों में रंगी होली का आनंद ले रहे थे। मंदिरों में आरती के साथ होली की शुरुआत हुई और भक्तों में आनंद का कोई ठिकाना नहीं रहा।