Siyaram Baba Death: संत सियाराम बाबा का 110 वर्ष की उम्र में निधन, श्रद्धालुओं में शोक की लहर

Edited By rajesh kumar,Updated: 11 Dec, 2024 03:16 PM

saint siyaram baba died at the age of 110

मध्यप्रदेश के निमाड़ के प्रसिद्ध संत सियाराम बाबा का बीमारी के उपरांत 94 वर्ष की आयु में आज सुबह निधन हो गया। उनके निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।

नेशनल डेस्क: मध्यप्रदेश के निमाड़ के प्रसिद्ध संत सियाराम बाबा का बीमारी के उपरांत 94 वर्ष की आयु में आज सुबह निधन हो गया। उनके निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीणा ने बताया कि संत सियाराम बाबा का आज सुबह 6:10 पर नर्मदा तट के समीप भट्टयांन स्थित आश्रम में निधन हो गया। उनकी पार्थिव देव को अंतिम दर्शन हेतु रखा गया है। बाबा के अंतिम दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालु आश्रम पहुंचने लगे हैं। दिल्ली, मुंबई जैसे दूर-दराज के स्थानों से भी लोग उनके आश्रम में दर्शन करने आते थे।
PunjabKesari4 बजे होगा अंतिम संस्कार, सीएम भी होंगे शामिल 
आज शाम 4:00 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव इस दौरान उपस्थित रहेंगे। संत सियाराम बाबा को कुछ दिन पूर्व निमोनिया के चलते सनावद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी इच्छा के मुताबिक वहां से डिस्चार्ज होने के बाद वे कसरावद तहसील के अंतर्गत भट्टयांन स्थित आश्रम में लौट आए थे। मुख्यमंत्री डॉ यादव के निर्देश पर मेडिकल कॉलेज इंदौर की टीम ने उनके स्वास्थ्य का परीक्षण कर उपचार का प्रोटोकॉल निर्धारित किया था। इसके अलावा मुख्यमंत्री डॉ यादव निरंतर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे थे।

दान के रूप में केवल 10 रुपए लेते थे 
आज डॉक्टर यादव का उनके दर्शन करने आश्रम आने का कार्यक्रम भी था किंतु इसके पूर्व ही बाबा ने देह त्याग दी। इसके तहत आश्रम में ही टर्शियरी लेवल की सुविधा उपलब्ध कराकर चिकित्सकों की टीम द्वारा उनके स्वास्थ्य की देखरेख की जा रही थी। साथ ही भक्तों द्वारा भजन व जाप आदि किए जा रहे थे। सेवादारों के मुताबिक हनुमान भक्त बाबा दान स्वरूप ज्यादातर 10 रुपये ही लेते थे और धन राशि को नर्मदा घाटों की मरम्मत व विभिन्न धार्मिक संस्थाओं के उन्नयन में प्रदान कर देते थे।

PunjabKesari
12 साल तक एक पैर पर खड़े होकर की थी तपस्या
ज्यादा शिक्षित नहीं होने के बावजूद वह लगातार रामचरितमानस का पाठ करते रहते थे। आने वाले भक्तों को वे आध्यात्मिक मार्गदर्शन देकर सकारात्मक ऊर्जा से ओत प्रोत कर देते थे। उनके बारे में बताया जाता है कि वह 12 वर्ष तक एक पैर पर खड़े रहकर उन्होंने तपस्या की थी। सभी मौसमों में लंगोट ही धारण करने वाले सियाराम बाबा अपना सभी काम खुद ही करते थे और भोजन भी स्वयं पकाते थे।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!