मधुरिमा के जज्बे को सलाम: कैंसर को हराकर पहले ही अटेंप्ट में क्रैक किया NEET, अब बनेगी डॉक्टर

Edited By rajesh kumar,Updated: 29 Dec, 2024 02:12 PM

salute madhurima spirit after defeating cancer cracked neet first attempt

अगर मेहनत और आत्मविश्वास हो, तो मुश्किल हालातों में भी बड़ी से बड़ी मंजिल हासिल की जा सकती है। 20 वर्षीय मधुरिमा दत्ता ने कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को हराकर NEET परीक्षा में सफलता पाई और डॉक्टर बनने के अपने सपने को साकार करने की ओर बड़ा कदम बढ़ाया।

नेशनल डेस्क: अगर मेहनत और आत्मविश्वास हो, तो मुश्किल हालातों में भी बड़ी से बड़ी मंजिल हासिल की जा सकती है। 20 वर्षीय मधुरिमा दत्ता ने कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को हराकर NEET परीक्षा में सफलता पाई और डॉक्टर बनने के अपने सपने को साकार करने की ओर बड़ा कदम बढ़ाया। त्रिपुरा के गोमती जिले के उदयपुर की रहने वाली मधुरिमा की यह सफलता संघर्ष और हिम्मत की कहानी बन गई है।

कैंसर से शुरू हुआ कठिन संघर्ष
साल 2016 में जब मधुरिमा केवल 12 साल की थीं, तब उन्हें "नॉन हॉजकिन्स लिंफोमा" नामक कैंसर का पता चला। यह एक गंभीर बीमारी थी, और इसके इलाज के लिए उन्हें मुंबई के टाटा मेमोरियल और जसलोक अस्पताल में इलाज करवाना पड़ा। मधुरिमा की मां रत्ना दत्ता हर कदम पर उनके साथ रहीं और उन्हें मानसिक साहस प्रदान किया। इलाज के दौरान मधुरिमा को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, और हर बार बीमारी इलाज के बाद वापस लौट आती थी। लेकिन इसके बावजूद, मधुरिमा ने कभी हार नहीं मानी।
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डॉक्टरों ने उनकी स्थिति को गंभीर मानते हुए हाई-डोज कीमोथेरेपी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया की। इस दौरान, उनकी बड़ी बहन हृतुरीमा का बोन मैरो मैच होने के कारण ट्रांसप्लांट संभव हो पाया। इसके बाद, मधुरिमा दो महीने तक ICU में रही। मधुरिमा ने अपना इलाज मुंबई में किया, लेकिन बावजूद इसके उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। उन्होंने 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं की तैयारी घर से ही की। वह सिर्फ परीक्षा देने के लिए स्कूल जाती थीं, जहां उनके लिए अलग कमरे की व्यवस्था की गई थी। स्कूल के शिक्षक उनके लिए किताबें भेजते रहे और इलाज के दौरान मुंबई आकर उनसे मिलने भी आए।
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NEET परीक्षा में सफलता
मधुरिमा का सपना हमेशा से डॉक्टर बनने का था, और उन्होंने अपनी मेहनत से यह सपना पूरा किया। NEET परीक्षा में उन्होंने 279,066 ऑल इंडिया रैंक और राज्य में 295वीं रैंक हासिल की। मधुरिमा ने कहा, ''NEET की तैयारी करना हर छात्र के लिए चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन मेरे लिए यह मानसिक और शारीरिक संघर्ष दोनों था। मेरी कमजोर इम्युनिटी और बार-बार होने वाले संक्रमण के बावजूद मैंने हार नहीं मानी।''

NEET की तैयारी करने वालों के लिए संदेश
मधुरिमा ने NEET की तैयारी करने वाले छात्रों को एक संदेश दिया: ''NEET एक परीक्षा है जो आपकी मेहनत और धैर्य की परीक्षा लेती है। अपने परिश्रम पर विश्वास रखें, शांत रहें और जो भी संसाधन आपके पास हों, उनका सबसे अच्छा उपयोग करें।'' मधुरिमा ने संघर्ष के साथ एक मिसाल पेश की है, जो यह दिखाता है कि अगर इंसान के पास साहस, परिवार का समर्थन और सही दिशा हो, तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।

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