Edited By Mahima,Updated: 29 Nov, 2024 02:00 PM
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद सर्वे विवाद में निचली अदालत को कोई भी कार्रवाई करने से रोक दिया। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने का आदेश दिया और कहा कि जब तक हाई कोर्ट से कोई आदेश नहीं आता, तब तक जिला अदालत इस...
नेशनल डेस्क:उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश दिया है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को निर्देश दिया कि इस मामले में कोई भी कार्रवाई न की जाए। इसके साथ ही, कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने की सलाह दी और कहा कि जब तक हाई कोर्ट से कोई आदेश नहीं आता, तब तक निचली अदालत इस मुद्दे पर कोई कदम न उठाए।
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता (मस्जिद कमेटी) से यह सवाल किया कि वह हाई कोर्ट क्यों नहीं गए, और क्या उच्च न्यायालय जाने का विकल्प नहीं था? कोर्ट ने कहा, "बेहतर होगा कि हम इसे लंबित रखें। आप अपनी दलीलें उचित मंच (हाई कोर्ट) पर दायर करें।" इसके साथ ही, CJI (मुख्य न्यायाधीश) ने यह भी कहा, "हम नहीं चाहते कि इस बीच कुछ भी हो। उन्हें आदेश को चुनौती देने का अधिकार है। वे रिवीजन या 227 याचिका दायर कर सकते हैं।"
शांति और सद्भाव बनाए रखने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने मामले के तटस्थ समाधान के लिए निर्देश दिए और कहा कि जिला प्रशासन शांति समिति बनाए, जिसमें सभी पक्षों के प्रतिनिधि शामिल हों। कोर्ट ने यह भी कहा कि, "हमें पूरी तरह से तटस्थ रहना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि मामले के बीच कोई हिंसा न हो।" कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर कोई अपील या पुनरीक्षण किया जाता है, तो उसे तीन दिनों के भीतर सुनवाई के लिए लिस्टेड किया जाए।
मुकदमे के बाद 'कहानी गढ़ी जाती है
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि, "कुछ मामलों में मुकदमा दायर करने के बाद एक नई 'कहानी' गढ़ी जाती है।" याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि देशभर में इस तरह के 10 मामले लंबित हैं, जिनमें से 5 मामले उत्तर प्रदेश में हैं।
संभल मस्जिद विवाद का इतिहास
संभल में विवाद का केंद्र जामा मस्जिद है, जिसे मुग़ल शासक बाबर के समय में बनाया गया था। हिंदू पक्ष का आरोप है कि मस्जिद उस स्थान पर बनी है, जहां पहले 'हरि हर मंदिर' था। इस विवाद को लेकर एक वकील ने स्थानीय अदालत में याचिका दायर की थी, जिसमें मस्जिद का सर्वे करवाने की मांग की गई थी। इसके बाद अदालत ने सर्वे का आदेश जारी किया, जो मुस्लिम समुदाय के लिए आपत्ति का कारण बना और विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।
सर्वे और विरोध प्रदर्शन
पिछले साल 24 दिसंबर को चंदौसी कोर्ट के आदेश पर आर्कियोलॉजिकल सर्वे की एक टीम ने शाही जामा मस्जिद का दौरा किया था, लेकिन इस दौरान मुस्लिम समुदाय ने विरोध किया। इसके चलते पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच झड़प हो गई। इस हिंसा में मुस्लिम समुदाय के चार युवक मारे गए, जिससे इलाके में तनाव पैदा हो गया। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश संभल मस्जिद विवाद में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। अब मुस्लिम पक्ष को हाई कोर्ट में इस मामले को चुनौती देने का अवसर मिलेगा, और जब तक हाई कोर्ट से कोई आदेश नहीं आता, तब तक निचली अदालत इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करेगी। कोर्ट का यह निर्देश शांति और सद्भाव बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा कदम है।