संसद में इंदिरा गांधी के नाम पर हुआ हंगामा, संबित पात्रा ने किया पुराने केस का जिक्र

Edited By Rahul Singh,Updated: 03 Dec, 2024 08:10 PM

sambit patra speach ruckus in the parliament over the name of indira gandhi

संसद में शीतकालीन चर्चा जारी है। कल तक विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में खूब हंगामा मचाया था, लेकिन आज संसद में शत्र शांति के साथ शुरू हुआ। ऐसा इसलिए हो पाया क्योंकि कल संविधान पर चर्चा को लेकर सरकार और विपक्ष में सहमति बन गई थी।

नई दिल्ली: संसद में शीतकालीन चर्चा जारी है। कल तक विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में खूब हंगामा मचाया था, लेकिन आज संसद में शत्र शांति के साथ शुरू हुआ। ऐसा इसलिए हो पाया क्योंकि कल संविधान पर चर्चा को लेकर सरकार और विपक्ष में सहमति बन गई थी। हालाकिं, इसके बाद आरोप लगना शुरू हो गए। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान इंदिरा गांधी का नाम लेकर एक पुराने केस पर जिक्र करना शुरू कर दिया जिसके बाद विपक्ष ने विरोध करते हुए हंगामा कर दिया। 

दरअसल, संबित पात्रा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि वर्तमान समय में "फोन बैंकिंग" का दौर है, लेकिन इनका फोन बैंकिंग का तरीका ये था कि फोन उठाकर के इनके नेता बोलते थे कि लोन दे दो, बिना यह देखे कि वह लोन लौटेगा या नहीं। पात्रा ने इस संदर्भ में 1971 के नगरवाला केस का उदाहरण दिया, जिसमें इंदिरा गांधी के नाम पर एक बैंक शाखा को फोन कर 60 लाख रुपये देने का आदेश दिया गया था। संबित पात्रा ने कहा, ''आज फोन बैंकिंग का जमाना है। मगर इनका फोन बैंकिंग का तरीका ये था कि फोन उठाकर के इनके नेता बोलते थे कि लोन दे दो, वापस आएगा कि नहीं ये नहीं देखना है। फोन बैंकिंग का ये नतीजा है। उन्होंने 1971 का नगरवाला केस का जिक्र किया।'' उन्होंने बताया कि किसी ने इंदिरा गांधी के नाम से फोन किया था और एक बैंक की ब्रांच को कहा था 60 लाख रुपये दे दो। बैंक से निकालकर पैसे नगरवाला को दे दिया गया। उन्होंने कहा कि इंदिरा जी का नाम तो नहीं है पर क्लीन चिट भी नहीं मिली। ये बैंकिंग सिस्टम का सबसे बड़ा घोटाला है। बाद में इंदिरा गांधी का नाम हटाने का आदेश दिया गया।

विपक्ष ने किया हंगामा

विपक्षी सदस्यां ने "पॉइंट ऑफ ऑर्डर" रेज करते हुए चेयरमैन के खिलाफ हाय-हाय के नारे लगाए। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के इस व्यवहार की आलोचना करते हुए कहा कि इस प्रकार की टिप्पणियां नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने चेयर पर की गई इस टिप्पणी पर आपत्ति जताई और कहा कि यह अनुशासनहीनता है। इसी दौरान, स्पीकर ने इंदिरा गांधी को लेकर की गई टिप्पणी को रिकॉर्ड से हटाने की बात कही। स्पीकर ने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर किसी भी टिप्पणी को तब तक रिकॉर्ड में नहीं डाला जाएगा जब तक अटल बिहारी वाजपेयी की ओर से की गई टिप्पणी की पुष्टि नहीं हो जाती। वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संबित पात्रा की स्पीच के एक हिस्से को हटाने की बात की, लेकिन साथ ही यह सवाल भी उठाया कि क्या गौरव गोगोई के भाषण का वह हिस्सा भी हटेगा, जिसमें उन्होंने रूल 94 के दायरे से बाहर जाकर टिप्पणी की थी।

बता दें कि लोकसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर की ओर से चीन मुद्दे पर बयान दिए जाने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकिंग कानूनों में संशोधन से संबंधित बिल पेश किया। बैंकिंग कानूनों में 19 संशोधन किए जाने को लेकर ये बिल पेश किए गए हैं।

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