PM मोदी बोले- ‘संविधान हत्या दिवस' यह याद दिलायेगा कि जब संविधान को रौंदा गया था, तो क्या हुआ था

Edited By Yaspal,Updated: 12 Jul, 2024 09:18 PM

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाया जाना इस बात की याद दिलाएगा कि जब संविधान को रौंदा गया था, तो क्या हुआ था

नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाया जाना इस बात की याद दिलाएगा कि जब संविधान को रौंदा गया था, तो क्या हुआ था। मोदी ने ‘एक्स' पर कहा, ‘‘यह उस प्रत्येक व्यक्ति को श्रद्धांजलि अर्पित करने का भी दिन है, जिसने आपातकाल की ज्यादतियों के कारण कष्ट झेले और जो कांग्रेस द्वारा लाया गया भारतीय इतिहास का काला दौर था।''


सरकार ने आपातकाल की अवधि के दौरान अमानवीय पीड़ा झेलने वालों के “व्यापक योगदान” को याद करने के लिये 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसी दिन 1975 में आपातकाल की घोषणा की गई थी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को यह घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि ‘संविधान हत्या दिवस' मनाने से प्रत्येक भारतीय में व्यक्तिगत स्वतंत्रता और लोकतंत्र की रक्षा की अमर ज्वाला को प्रज्वलित रखने में मदद मिलेगी, जिससे कांग्रेस जैसी “तानाशाही ताकतों” को “उन भयावहताओं को दोहराने” से रोका जा सकेगा।

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी एक राजपत्र अधिसूचना में कहा गया है कि 25 जून 1975 को आपातकाल की घोषणा की गई थी, जिसके बाद “तत्कालीन सरकार द्वारा सत्ता का घोर दुरुपयोग किया गया और भारत के लोगों पर ज्यादतियां और अत्याचार किए गए।” इसमें कहा गया है कि भारत के लोगों को संविधान और इसके लचीले लोकतंत्र की शक्ति पर अटूट विश्वास है। अधिसूचना में कहा गया, “इसलिए, भारत सरकार 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस' के रूप में घोषित करती है, ताकि आपातकाल के दौरान सत्ता के घोर दुरुपयोग के खिलाफ लड़ने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी जा सके और भारत के लोगों को भविष्य में किसी भी तरह से सत्ता के ऐसे घोर दुरुपयोग का समर्थन न करने के लिए पुनः प्रतिबद्ध किया जा सके।”

शाह ने कहा कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने “तानाशाही मानसिकता का खुला प्रदर्शन करते हुए देश में आपातकाल लागू करके भारत के लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया”। उन्होंने कहा कि लाखों लोगों को बिना किसी गलती के सलाखों के पीछे डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया। उन्होंने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “भारत सरकार ने हर साल 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय किया है। यह दिन उन सभी लोगों के विराट योगदान का स्मरण करायेगा, जिन्होंने 1975 के आपातकाल के अमानवीय दर्द को झेला था।” उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय का उद्देश्य उन लाखों लोगों के संघर्ष का सम्मान करना है, जिन्होंने तानाशाही सरकार की असंख्य यातनाओं व उत्पीड़न का सामना करने के बावजूद लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष किया।” 

 

 

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