Edited By Archna Sethi,Updated: 18 Oct, 2024 08:13 PM
सेनिटेशन सेवाओं को बनाया जाये यकीनी
चंडीगढ़, 18 अक्तूबरः (अर्चना सेठी) ग्रामीण क्षेत्रों को पीने वाले साफ़ पानी की उपलब्धता और पहल के आधार पर सेनिटेशन सेवाएं यकीनी बनाने के लिए वचनबद्ध है। इस उद्देश्य की प्राप्ति को यकीनी बनाने पर पूरी लगन के साथ ध्यान केंद्रित है।
आज यहाँ जल सप्लाई और सेनिटेशन मंत्री के तौर पर पद संभालने के बाद विभाग की शुरुआती मीटिंग के दौरान यह प्रगटावा करते हुये कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडिया ने राज्य भर के राजस्व दफ़्तरों ( पटवारखानों) में विशेष तौर पर महिला स्टाफ और आने-जाने वालों के लिए शौचालय मुहैया करवाने पर ज़ोर दिया।
पानी को कीमती स्रोत बताते हुये स. मुंडिया ने अधिकारियों को हिदायत की कि पानी की बर्बादी करने वालों को वाटर एक्ट के अंतर्गत जुर्माना करके सख़्ती से रोक लगायी जाये जिससे सभी घरों को निर्विघ्न पानी की सप्लाई यकीनी बनाई जा सके। इसके इलावा, उन्होंने सभी परिवारों (कुल 35 लाख में से 12 लाख) जिनके पास पानी के अपने निजी स्रोत हैं, को भी सरकारी जल सप्लाई स्रोतों के साथ जोड़ा जाये।
पानी की गुणवत्ता पक्ष से प्रभावित और पानी की कमी वाले क्षेत्रों के लिए 2174 करोड़ रुपए की लागत के साथ मंज़ूर किये गए 15 बड़े स्तर के नहरी जल सप्लाई प्रोजेक्टों को समय पर मुकम्मल करने के बारे मंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा शुरू किये गए सभी प्रोजेक्टों में पारदर्शिता और इमानदारी प्रमुख होनी चाहिए। इस के इलावा, मंत्री ने ग्राम पंचायत जल और सेनिटेशन समितियों द्वारा शुरू की स्कीमों को प्रभावशाली ढंग के साथ लागू करने के लिए ’एम-ग्राम सेवा एप’ का प्रयोग करने के लिये भी प्रेरित किया।
मंत्री ने कहा कि पानी के बेहतर प्रबंधन और संभाल के लिए गाँवों में जागरूकता फैलाने के मद्देनज़र एक व्यापक मुहिम शुरू की जानी चाहिए।
इस मौके कैबिनेट मंत्री स मुंडिया को बताया गया कि मौजूदा समय 153 ब्लाकों की 11467 ग्राम पंचायतों में कुल 9492 स्कीमें चल रही हैं। इस के इलावा, नाबार्ड 22 से 29 तक, 700 गाँवों में 469 स्कीमें लागू की गई हैं, जबकि नाबार्ड 30 के अधीन 160 करोड़ रुपए के प्रोजैक्ट वित्त विभाग के पास पेश किये गए हैं। इसके इलावा स्वच्छ भारत मिशन ( ग्रामीण) अधीन राज्य के 963 गाँवों ने ओ. डी. एफ. प्लस का दर्जा प्राप्त किया है।
कैबिनेट मंत्री ने लैबोरेटरियों के नैटवर्क में विस्तार करने और बायोलोजीकल पैरामीटर टेस्टिंग के लिए सभी 31 लैबों, जिन में 1 स्टेट- कम- रैफरल लैब, छह क्षेत्रीय लैबें, 17 ज़िला स्तरीय लैबें, और 7 ब्लाक स्तरीय लैबें शामिल हैं, को एन. ए. बी. एल. मान्यता देने के निर्देश दिए।