Edited By Radhika,Updated: 12 Mar, 2025 06:33 PM

दिल्ली में सार्वजनिक संपत्तियों पर अवैध होर्डिंग्स लगाने के मामले में कोर्ट द्वारा एफआईआर दर्ज करने के दिए गए आदेश में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, सांसद मनोज तिवारी, दिल्ली सरकार में...
नेशनल डेस्क : दिल्ली में सार्वजनिक संपत्तियों पर अवैध होर्डिंग्स लगाने के मामले में कोर्ट द्वारा एफआईआर दर्ज करने के दिए गए आदेश में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, सांसद मनोज तिवारी, दिल्ली सरकार में मंत्री प्रवेश वर्मा, पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी और नितिका शर्मा के साथ पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल का नाम शामिल है। कोर्ट ने शिकायत संख्या डीडी नंबर 22बी दिनांक 15 नंबर 2019 को संज्ञान लेकर पुलिस को एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने का यह आदेश दिया है। मीडिया ने सभी भाजपा नेताओं के नाम गायब कर दिए और ऐसे दिखाया जैसे सिर्फ केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर का आदेश हुआ है। बुधवार को आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय सिंह ने मीडिया से यह जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि यह आदेश करने के लिए जज का स्वागत होना चाहिए। उन्होंने बड़ी हिम्मत दिखाई है।
बुधवार को सांसद संजय सिंह ने मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ के साथ पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर कहा कि सभी मीडिया संस्थाओं के प्रति मन में थोड़ा पीड़ा और क्षोभ भी है। मीडिया से हमारी शिकायत है कि हमारे खिलाफ कोई खबर है तो मीडिया अवश्य प्रकाशित करे, मीडिया स्वतंत्र है। लेकिन उसमें यह प्रदर्शित नहीं होना चाहिए कि आम आदमी पार्टी को टारगेट करके कोई खबर चलाई जाए। दुर्भाग्य से मंगलवार को यही हुआ। सभी टीवी चैनलों पर खबर चली कि अरविंद केजरीवाल पर एफआईआर दर्ज होगी। मैं संसद गया तो वहां मीडिया पूछने लगी। आज सुबह अखबारों में छपा है कि अवैध होर्डिंग्स लगाने के आरोप में अरविंद केजरीवाल पर एफआईआर होगी। केजरीवाल पर एफआईआर दर्ज करने का कोर्ट का निर्देश।
संजय सिंह ने कहा कि मीडिया ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ढेरों खबरें चलाया, लेकिन पता नहीं किया कि खबर क्या है? मीडिया ने यह भी पता नहीं किया शिकायत में क्या है और किसने शिकायत की है? इसके शिकायतकर्ता शिव कुमार हैं। शिव कुमार ने अपनी शिकायत में कहा है कि कई जगहों पर गलत ढंग से होर्डिंग्स लगाई गई है। सार्वजनिक संपत्ति पर होर्डिंग्स और पोस्टर लगाए गए हैं। उन्होंने इसकी शिकायत द्वारका थाने में की है। थाने में एफआईआर दर्ज नहीं होने के बाद वह कोर्ट गए। कोर्ट में भी उनकी शिकायत दर्ज नहीं होने पर वह नियम 200 की अदालती कार्यवाही में जाते हैं। 200 की कार्यवाही में निचली अदालत को आदेश होता है और फिर निचली अदालत द्वारका थाने को आदेश देती है कि शिवकुमार की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की जाए। यह पूरा मामला है।
संजय सिंह ने कहा कि मीडिया ने शिवकुमार के प्रार्थना पत्र को ही नहीं पढ़ा कि उन्होंने किसके- किसके खिलाफ शिकायत की है और खबरें चलानी शुरू कर दी। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं। यह आदेश करने के लिए न्यायाधीश का स्वागत होना चाहिए। उन्होंने बड़ी हिम्मत दिखाई है। शिवकुमार सक्सेना ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, भाजपा सांसद मनोज तिवारी, पूर्व सांसद व दिल्ली के मौजूदा मंत्री प्रवेश वर्मा, पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी, नितिका शर्मा, दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल और ‘‘आप’’ के पूर्व विधायक गुलाब सिंह का नाम दिया है।
संजय सिंह ने मीडिया से सवाल किया कि मीडिया को प्रधानमंत्री, जेपी नड्डा, अमित शाह का नाम नहीं दिखता है। मीडिया ब्रेकिंग न्यूज चलाए कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए कोर्ट ने आदेश दिया है। मीडिया ने शिकायत को पढ़ा नहीं और सिर्फ अरविंद केजरीवाल व आम आदमी पार्टी के खिलाफ खबरें चलाई। यह तो ठीक बात नहीं है। यह बहुत अफसोस जनक बात है। आम आदमी पार्टी की मीडिया से विनम्र शिकायत है कि मीडिया खबरों को बगैर खंगाले और जांचे एकतफरा खबरें न चलाए।
उन्होंने कहा कि क्या मीडिया को यह बड़ी बात नहीं लगती है कि प्रधानमंत्री के खिलाफ एफआईआर की बात कही गई है। कोर्ट ने 156(3) सीआरपीसी के तहत संबंधित थाने के एसएचओ को तत्काल रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया है। शिकायत कर्ता ने 15 नवंबर 2019 को प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इत्यादि के खिलाफ शिकायत दी है। मंगलवार को अदालत ने 15 नवंबर 2019, डीडी नंबर 22बी का संज्ञान लेते हुए सभी के खिलाफ एफआईआर करने के ऑर्डर पास कर दिए। दुखद है कि मीडिया ने सिर्फ अरविंद केजरीवाल का ही नाम हाइलाइट किया।