Edited By Anu Malhotra,Updated: 13 Feb, 2025 09:00 AM
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संत प्रेमानंद जी महाराज इन दिनों सुर्खियों में हैं। वृंदावन की एनआरआई ग्रीन कॉलोनी की महिलाओं के विरोध प्रदर्शन के बाद उनके बारे में नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं। इसी बीच 90 साल की एक बुजुर्ग महिला, शीला देवी, ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा...
वृंदावन: संत प्रेमानंद जी महाराज इन दिनों सुर्खियों में हैं। वृंदावन की एनआरआई ग्रीन कॉलोनी की महिलाओं के विरोध प्रदर्शन के बाद उनके बारे में नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं। इसी बीच 90 साल की एक बुजुर्ग महिला, शीला देवी, ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि प्रेमानंद महाराज पहले बनारस (काशी) में रहते थे।
बनारस से वृंदावन तक का सफर
शीला देवी ने बयान में बताया कि उनके पति श्री राम शर्मा जी बनारस में ‘शर्मा रस’ की प्रस्तुति देते थे। प्रेमानंद महाराज भी इसे देखने के लिए वहां जाया करते थे। एक बार उन्होंने श्री राम शर्मा से आग्रह किया कि उन्हें वृंदावन ले चलें। इस पर शर्मा जी ने जवाब दिया— "जिसका हाथ बांके बिहारी जी पकड़ लेते हैं, वह खुद ही वृंदावन चला आता है। आपको भी बिहारी जी खुद ही बुलाएंगे।"
पहले फक्कड़ साधु थे प्रेमानंद जी
शीला देवी के मुताबिक, जब उन्होंने प्रेमानंद महाराज को बनारस में देखा था, तो उनकी बड़ी-बड़ी जटाएं थीं और वे एकदम फक्कड़ साधु की तरह रहते थे। लेकिन वृंदावन आने के बाद उन्होंने राधा नाम का प्रचार किया और राधारानी की कृपा उन पर हुई।
भक्तों के लिए त्याग और समर्पण
शीला देवी ने बताया कि महाराज जी अपनी बीमारी की परवाह किए बिना भी भक्तों के लिए पदयात्रा करते हैं। रात में निकलते हैं, ताकि उनके भक्त उनके दर्शन कर सकें।
महिलाओं के विरोध के बाद बदला पदयात्रा का समय
गौरतलब है कि वृंदावन की एनआरआई ग्रीन कॉलोनी की महिलाओं ने महाराज जी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। उनका कहना था कि रात 2 बजे होने वाली पदयात्रा से शोरगुल बढ़ता है, जिससे उनकी नींद में खलल पड़ती है। विरोध को देखते हुए महाराज जी ने अपनी पदयात्रा का समय और स्थान बदल दिया है। अब वे अलग समय पर भक्तों के दर्शन देंगे।