'आप काली होती हैं तो अदृश्य हो जाती हैं' रंग के आधार पर होने वाले भेदभाव को लेकर शारदा मुरलीधरन का बयान

Edited By Parminder Kaur,Updated: 28 Mar, 2025 01:15 PM

sarada muralidharan statement on discrimination based on color

केरल की मुख्य सचिव शारदा मुरलीधरन (59) ने सोशल मीडिया पर त्वचा के रंग के आधार पर होने वाले भेदभाव पर चर्चा शुरू की है। उन्होंने अपने करियर के दौरान आई चुनौतियों के बारे में बात करते हुए कहा कि एक महिला के रूप में अपनी आवाज़ को सुनवाना मुश्किल होता...

नेशनल डेस्क. केरल की मुख्य सचिव शारदा मुरलीधरन (59) ने सोशल मीडिया पर त्वचा के रंग के आधार पर होने वाले भेदभाव पर चर्चा शुरू की है। उन्होंने अपने करियर के दौरान आई चुनौतियों के बारे में बात करते हुए कहा कि एक महिला के रूप में अपनी आवाज़ को सुनवाना मुश्किल होता है। लेकिन जब आप गहरे रंग की महिला होती हैं, तो आप लगभग अदृश्य हो जाती हैं।

मुरलीधरन ने यह भी कहा कि देश में गोरे रंग को प्राथमिकता दी जाती है और यह जातिगत भेदभाव से गहरे रूप में जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि यह एक कड़वी सच्चाई है कि निम्न जाति और गरीब लोगों को अक्सर काले रंग का बताया जाता है।

जाति को लेकर भ्रम

उन्होंने इस बारे में भी चर्चा की कि लोग उनके त्वचा के रंग के आधार पर उनकी जाति का अनुमान लगाते हैं। मुरलीधरन ने कहा कि लोग सोचते हैं कि वह मलयाली नहीं हैं और फिर उनके नाम को देखकर अनुमान लगाते हैं कि वह उच्च जाति से हैं। लेकिन जब लोग उन्हें 'उच्च जाति' के रूप में नहीं देखते, तो वे भ्रमित हो जाते हैं।

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