Saugat-e-Modi Yojana: 32 लाख गरीब मुसलमानों को ईद के अवसर पर मिलेगा तोहफा, समझें

Edited By Mahima,Updated: 25 Mar, 2025 11:23 AM

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ईद के मौके पर केंद्र सरकार ने 'सौगात-ए-मोदी' योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत 32 लाख गरीब मुसलमानों को सहायता दी जाएगी। भाजपा के 32,000 कार्यकर्ता 32,000 मस्जिदों से जुड़कर इस योजना का लाभ उन परिवारों तक पहुँचाने की योजना बना रहे हैं। भाजपा इसे...

नेशनल डेस्क: ईद के इस खास मौके पर नरेंद्र मोदी सरकार ने देशभर के गरीब मुसलमानों के लिए 'सौगात-ए-मोदी' योजना की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य गरीब मुस्लिम परिवारों की मदद करना है ताकि वे ईद का त्योहार खुशी और समृद्धि से मना सकें। भाजपा द्वारा इस योजना की घोषणा की गई है, जिसके तहत 32 लाख गरीब मुसलमानों को विशेष रूप से सहायता दी जाएगी। 

मुस्लिम समाज को यह संदेश देना है कि...
यह योजना भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा शुरू की गई है, जो मुस्लिम समुदाय के बीच कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। भाजपा का लक्ष्य इस योजना के माध्यम से मुस्लिम समाज को यह संदेश देना है कि सरकार उनके विकास के लिए काम कर रही है। इस योजना का केंद्र सरकार के साथ गहरा जुड़ाव है, जो यह सुनिश्चित करना चाहती है कि गरीब मुस्लिम परिवार ईद के दौरान किसी भी प्रकार की आर्थिक कठिनाई से जूझे बिना त्योहार का आनंद ले सकें।

32 लाख गरीब मुसलमानों को तोहफा
भा.ज.पा. प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस योजना की जानकारी दी और कहा कि भाजपा के 32,000 कार्यकर्ता 32,000 मस्जिदों से संपर्क करेंगे और ईद के अवसर पर 32 लाख गरीब मुसलमानों को यह तोहफा देंगे। उनका कहना था, "चंद दलालों और ठेकेदारों के प्रभाव से मुस्लिम समाज को अब बाहर आना चाहिए। भाजपा ने मुस्लिम समुदाय के विकास के लिए कई योजनाएं चलाई हैं, जैसे कि ईदी योजना और उस्ताद योजना, जिनका उद्देश्य मुस्लिम समुदाय की स्थिति सुधारना था।"नीरज कुमार का यह भी कहना था कि मुस्लिम समाज अब भाजपा और एनडीए के प्रति अपनी सोच बदल रहा है। उन्होंने कहा, "कुछ पढ़े-लिखे मुस्लिम युवा और महिलाएं अब भाजपा और एनडीए को वोट दे रहे हैं, जबकि पहले मुस्लिम वोटों का ठेका कुछ नेताओं और दलालों के पास था।" 

तीन तलाक जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करने की...
यह योजना भाजपा की व्यापक राजनीतिक रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है। पार्टी का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय के बीच अपनी स्वीकार्यता बढ़ाना है, खासकर उन मसलों पर जो सीधे उनके जीवन से जुड़े हैं। सरकार ने पहले भी मुस्लिम समुदाय के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं पेश की थीं, जिनमें से कुछ प्रमुख योजनाएं 'ईदी योजना' और 'उस्ताद योजना' हैं, जो मुस्लिम समुदाय के आर्थिक और सामाजिक विकास पर केंद्रित थीं। इसके साथ ही, भाजपा ने तीन तलाक जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करने की दिशा में भी कदम उठाए हैं, जिसे मुस्लिम समुदाय में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा गया है।

सौगात-ए-मोदी योजना और मस्जिदों का जुड़ाव
इस योजना के तहत, सरकार का मुख्य उद्देश्य उन गरीब मुस्लिम परिवारों तक पहुँचने का है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। भाजपा ने 3,000 मस्जिदों के साथ सहयोग करने की योजना बनाई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि योजना के लाभार्थी सही तरीके से योजना से लाभ उठा सकें। भाजपा कार्यकर्ता इन मस्जिदों के माध्यम से मुस्लिम परिवारों से सीधे संपर्क करेंगे और उन्हें योजना के बारे में जानकारी देंगे। कुछ लोग इसे भाजपा का एक राजनीतिक कदम मानते हैं, जबकि अन्य इसे एक सकारात्मक और समावेशी पहल के रूप में देखते हैं। हालांकि, भाजपा का कहना है कि यह अभियान मुस्लिम समुदाय को मुख्यधारा में लाने का एक प्रयास है, ताकि वे समाज के अन्य हिस्सों के साथ समानता के आधार पर आगे बढ़ सकें। 

'सौगात-ए-मोदी' योजना की शुरुआत के साथ भाजपा का यह कदम मुस्लिम समुदाय की बेहतरी के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस योजना के माध्यम से गरीब मुस्लिम परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाएगी, जिससे वे ईद का त्योहार बिना किसी कठिनाई के मना सकें। भाजपा इस योजना को राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण मान रही है, क्योंकि यह मुस्लिम समुदाय में अपनी स्वीकार्यता बढ़ाने और विश्वास को मजबूत करने का एक तरीका है।

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