Edited By Radhika,Updated: 16 Dec, 2024 04:37 PM
सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद में 'जय श्री राम' के नारे लगाने को लेकर दर्ज केस को रद्द करने के खिलाफ याचिका पर फिलहाल नोटिस जारी करने से मना कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह अपनी याचिका की एक कॉपी कर्नाटक सरकार को सौंपे।
नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद में 'जय श्री राम' के नारे लगाने को लेकर दर्ज केस को रद्द करने के खिलाफ याचिका पर फिलहाल नोटिस जारी करने से मना कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह अपनी याचिका की एक कॉपी कर्नाटक सरकार को सौंपे। राज्य सरकार से जानकारी प्राप्त करने के बाद, सुप्रीम कोर्ट जनवरी में इस मामले पर सुनवाई करेगा। दक्षिण कन्नड़ के कडाबा तालुका के निवासी याचिकाकर्ता हैदर अली की ओर से वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने पेशी की।
जस्टिस पंकज मिथल और संदीप मेहता की बेंच ने याचिकाकर्ता के वकील देवदत्त कामत से मामले को समझने की कोशिश करते हुए सवाल किया कि धार्मिक मामले को अपराध कैसे कहा जा सकता है? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि यह मामले दूसरे धर्म के स्थल में बिना अनुमति घुसने और वहां धमकाने से संबंधित है। उन्होंने कहा कि आरोपियों ने अपने धर्म के नारे लगाकर सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश की है।
कामत ने आगे कहा कि इस मामले में CRPC की धारा 482 का गलत इस्तेमाल किया है। हाई कोर्ट ने इस मामले की जांच पूरी होने से पहले ही FIR रद्द कर दी है। इस पर जजों ने कहा कि उन्हें यह देखना होगा कि आरोपियों के खिलाफ क्या ठोस सबूत हैं और जब पुलिस ने उनकी रिमांड मांगी थी, तब निचली अदालत से क्या कहा गया था?