न्याय की देवी की प्रतिमा में बदलाव पर आपत्ति: SC बार एसोसिएशन ने जताई नाराजगी, कहा- हमारी अनदेखी की गई

Edited By rajesh kumar,Updated: 24 Oct, 2024 03:32 PM

sc bar association expressed displeasure

उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने उसके साथ विचार-विमर्श किए बगैर ‘न्याय की देवी' की प्रतिमा और शीर्ष अदालत के प्रतीक चिह्न में किए गए “आमूलचूल बदलावों” पर आपत्ति जताते हुए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है।

नेशनल डेस्क: उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने उसके साथ विचार-विमर्श किए बगैर ‘न्याय की देवी' की प्रतिमा और शीर्ष अदालत के प्रतीक चिह्न में किए गए “आमूलचूल बदलावों” पर आपत्ति जताते हुए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है। उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों के पुस्तकालय में न्याय की देवी की छह फुट ऊंची नयी प्रतिमा स्थापित की गई है, जिसके एक हाथ में तराजू और दूसरे हाथ में तलवार की जगह संविधान है। सफेद पारंपरिक पोशाक पहने 'न्याय की देवी' की नयी प्रतिमा की आंखों पर पट्टी नहीं बंधी हुई है और सिर पर मुकुट है।

एससीबीए के अध्यक्ष कपिल सिब्बल और कार्यकारी समिति के अन्य सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित प्रस्ताव में उस स्थान पर प्रस्तावित संग्रहालय पर भी आपत्ति जताई गई है, जहां उन्होंने बार के सदस्यों के लिए कैफे-लाउंज बनाने की मांग की थी। प्रस्ताव में कहा गया है, "उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन की कार्यकारी समिति ने पाया है कि हाल ही में न्यायालय ने बार से परामर्श किए बिना एकतरफा तरीके से अपने प्रतीक चिह्न और न्याय की देवी की प्रतिमा में कुछ आमूलचूल बदलाव बदलाव किए हैं।

न्याय व्यवस्था में हम समान रूप से हिस्सेदार हैं, लेकिन इन बदलावों के प्रस्ताव के बारे में हमसे कभी बात नहीं की गई। हम इन बदलावों से जुड़े तर्क से पूरी तरह अनभिज्ञ हैं।" एससीबीए ने कहा कि वह उच्च सुरक्षा क्षेत्र में प्रस्तावित संग्रहालय का सर्वसम्मति से विरोध करता है तथा वहां एक पुस्तकालय और एक कैफे-लाउंज की मांग दोहराता है। 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!