‘सब कुछ हवा में है’, दिल्ली में एयर पॉल्यूशन पर भड़का सुप्रीम कोर्ट, CAQM को लगाई फटकार

Edited By Yaspal,Updated: 27 Sep, 2024 04:57 PM

sc gets angry over air pollution in delhi reprimands caqm

सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और फसलों के अपशिष्ट को जलाने से रोकने में असफल होने पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को शुक्रवार को फटकार लगाई।

नेशनल डेस्कः सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और फसलों के अपशिष्ट को जलाने से रोकने में असफल होने पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को शुक्रवार को फटकार लगाई। जस्टिस ए. एस.ओका और जस्टिस अगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि वायु गुणवत्ता समिति को और सक्रिय रूप से कार्य करने की जरूरत है।

अदालत ने कहा कि आयोग को यह सुनिश्चित करने की कोशिश करनी चाहिए कि पराली जलाने के वैकल्पिक उपकरणों का इस्तेमाल जमीनी स्तर पर हो। शीर्ष अदालत ने इसी के साथ प्रदूषण को नियंत्रित करने और पराली जलाने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों को लेकर आयोग को बेहतर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

शीर्ष अदालत ने उठाए सवाल
मामले में केंद्र सरकार की ओर से पेश हुईं अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी ने एक एफिडेविट पढ़ते हुए बताया कि इस समस्या को मैनेज करने के लिए एडवायजरी और गाइडलाइंस जारी करने जैसे कई कदम उठाए गए हैं। लेकिन, अदालत इनसे संतुष्ट नहीं हुई। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस ओका ने कहा कि सब कुछ हवा में है। एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) राज्यों में इसे लेकर क्या किया गया है, इस बारे में उन्होंने कुछ नहीं बताया है।

इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सीएक्यूएम से डिटेल्ड एक्सप्लेशन मांगा था, जिसमें यह बताने के लिए कहा था कि पराली जलाने से रोकने के लिए उसने क्या मानक तय किए हैं। न्याय मित्र के रूप में अदालत की सहायता कर रहीं वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह की ओर से ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला दिया गया था जो बताती हैं कि पराली जलाने का काम शुरू हो चुका है। इसे देखते हुए पीठ ने आयोग से कहा था कि वह 27 सितंबर तक अपना जवाब दाखिल करे।

गठन के बाद से नहीं हुआ काम
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कमीशन के रुख पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा कि वह कानून को लागू करने में नाकाम रहा है। ऐसा लगता है कि सब कुछ हवा में है। कमीशन बस मूक दर्शक बना हुआ है। कोर्ट ने बेहतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हुए हैरानी जताई कि एक्ट की धारा 14 के तहत पराली जलाने वालों पर कार्रवाई का अधिकार होने के बावजूद कमीशन ने अपने गठन के बाद से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी।

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