Edited By Utsav Singh,Updated: 18 Nov, 2024 03:53 PM
आज, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु की जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करने से इंकार कर दिया। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि कोर्ट हर मामले की विशेषज्ञ नहीं...
नई दिल्ली : आज, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु की जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करने से इंकार कर दिया। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि कोर्ट हर मामले की विशेषज्ञ नहीं है और सरकार चलाना कोर्ट का काम नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्यों किया इंकार?
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, "हम हर चीज के विशेषज्ञ नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट हर चीज की दवा नहीं है। आप राजनीतिक कार्यकर्ता हैं, अपनी पार्टी में जाइए और वहां इस मुद्दे को उठाइए। सरकार चलाना कोर्ट का काम नहीं है।" इस पर कोर्ट ने यह भी कहा कि यह मामला राजनीतिक है, और इसे अदालत में नहीं लाया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट का यह रुख साफ करता है कि वह इस मामले पर ध्यान नहीं देगा, क्योंकि यह सरकार या राजनीति से जुड़ा हुआ है।
याचिकाकर्ता ने क्या मांग की थी?
याचिकाकर्ता पिनाक पानी मोहंती ने अदालत में दलील दी कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु को लेकर आज तक कोई स्पष्ट परिणाम सामने नहीं आया है। उनका कहना था कि साल 1970 में बने खोसला कमिशन ने नेताजी के लापता होने और मृत्यु के संबंध में कोई ठोस नतीजा नहीं पेश किया था।
याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि नेताजी की मृत्यु 1945 में विमान दुर्घटना में नहीं हुई थी, और कोर्ट को उनकी मृत्यु की सही वजह का पता लगाने के लिए जांच का आदेश देना चाहिए। इसके अलावा, याचिका में यह भी मांग की गई थी कि यह घोषित किया जाए कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आज़ाद हिंद फौज ने भारत को स्वतंत्रता दिलाई। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि यह मुद्दा उचित मंच पर उठाना चाहिए, और सुप्रीम कोर्ट इस तरह के राजनीतिक मामलों में दखल नहीं दे सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने असंतोष व्य्क्त किया
इससे पहले अप्रैल में, जब इस याचिका पर विचार किया गया था, सुप्रीम कोर्ट ने कुछ राष्ट्रीय नेताओं के खिलाफ लगाए गए "लापरवाह और गैर-जिम्मेदाराना" आरोपों पर असंतोष व्यक्त किया था। कोर्ट ने याचिकाकर्ता की प्रामाणिकता पर भी सवाल उठाए थे। कोर्ट ने कहा था कि अगर याचिकाकर्ता के पास ठोस और प्रमाणित तथ्य नहीं हैं तो ऐसे मामलों में अदालत को नहीं घसीटना चाहिए। इससे साफ होता है कि सुप्रीम कोर्ट को याचिकाकर्ता के दावे पर शक था।
नेताजी की मृत्यु का रहस्य
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु को लेकर कई सालों से अटकलें लगाई जाती रही हैं। कहा जाता है कि 1945 में उनका विमान ताइवान में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और इस हादसे में वे बुरी तरह जल गए थे, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। इस हादसे के बाद नेताजी की मृत्यु के बारे में कई जांच कमिशन बनाए गए थे, लेकिन आज तक इस रहस्य का पूरी तरह से पर्दा नहीं उठ पाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु की जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले को राजनीति से जुड़ा हुआ बताया और कहा कि यह मुद्दा अदालत के बजाय उचित मंच पर उठाना चाहिए। याचिकाकर्ता की ओर से किए गए दावों को अदालत ने संदिग्ध माना है और इस मुद्दे पर और अधिक विचार करने से इंकार किया है।