Edited By Mahima,Updated: 18 Feb, 2025 02:52 PM

सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया को गिरफ्तारी से राहत दी, लेकिन उनकी विवादित टिप्पणियों पर कड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि रणवीर की टिप्पणियां शर्मनाक थीं, जो उनके परिवार को भी अपमानित कर सकती हैं। वकील की दलीलें खारिज करते हुए कोर्ट ने...
नेशनल डेस्क: 18 फरवरी 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ दर्ज FIR की संख्या में इजाफा करने या उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। रणवीर इलाहाबादिया के खिलाफ कई राज्यों में "इंडियाज गॉट टैलेंट" शो के एक एपिसोड में की गई विवादित टिप्पणियों के कारण FIR दर्ज की गई थीं। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर की टिप्पणियों पर बेहद सख्त रुख अपनाया और कड़ी टिप्पणी की, जिससे यह साफ हो गया कि कोर्ट उनकी भाषा और बर्ताव से सहमत नहीं था।
कोर्ट ने कहा- टिप्पणियां शर्मनाक और अपमानजनक
सुप्रीम कोर्ट की बेंच में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर शामिल थे। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान रणवीर की टिप्पणियों को शर्मनाक और अपमानजनक बताया। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि रणवीर की भाषा इतनी अभद्र थी कि इससे न केवल उन्हें बल्कि उनके माता-पिता और परिवार को भी शर्मिंदगी महसूस हो सकती है। कोर्ट ने रणवीर से कहा, "आपको यह समझना चाहिए कि आप ने अपनी टिप्पणियों से अपने माता-पिता को किस स्थिति में खड़ा कर दिया है।" यह टिप्पणी रणवीर को कड़ा संदेश देने के लिए थी, ताकि वे अपनी जिम्मेदारी समझें।
वकील का बचाव- विवादित क्लिप को काटकर किया गया प्रसारित
रणवीर इलाहाबादिया के वकील, एडवोकेट अभिनव चंद्रचूड़ ने कोर्ट में दलील दी कि "इंडियाज गॉट टैलेंट" शो के दौरान उनके मुवक्किल ने जो टिप्पणियां की थीं, उन्हें सिर्फ कुछ सेकंड्स की क्लिप में काटकर सार्वजनिक किया गया। वकील ने यह भी कहा कि पूरे शो का संदर्भ लेने पर वह टिप्पणी अलग थी, लेकिन मात्र कुछ हिस्सों को लेकर विवाद खड़ा कर दिया गया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने वकील की इस दलील को अस्वीकार कर दिया। जज ने सख्त लहजे में उनसे पूछा, "क्या आप इस तरह की भाषा का बचाव कर रहे हैं?" वकील ने कहा कि वे मानते हैं कि रणवीर की टिप्पणियां अभद्र थीं, लेकिन उनका सवाल यह था कि क्या यह किसी अपराध की श्रेणी में आती हैं। उन्होंने 'अप्रूवा अरोड़ा' केस का हवाला दिया, जिसमें कोर्ट ने अभद्र भाषा को सीधे तौर पर अश्लीलता नहीं माना था।
कोर्ट की सख्त टिप्पणी- क्या यह अश्लीलता नहीं है?
जस्टिस सूर्यकांत ने वकील से कहा, "अगर यह अश्लीलता नहीं है, तो फिर अश्लीलता क्या होती है? क्या अप्रूवा अरोड़ा केस का जजमेंट कुछ भी कहने की अनुमति दे देता है?" कोर्ट ने यह सवाल उठाया कि क्या वकील यह स्वीकार कर रहे हैं कि उनके मुवक्किल की टिप्पणियां आपत्तिजनक थीं, लेकिन उनका बचाव किया जा रहा है।
रणवीर को मिल रही धमकियां- जुबान काटने का ऐलान
रणवीर इलाहाबादिया के वकील ने यह भी जानकारी दी कि उनके मुवक्किल को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग यह दावा कर रहे हैं कि रणवीर की जुबान काट कर लाने वाले को इनाम दिया जाएगा। इस पर कोर्ट ने टिप्पणी की, "रणवीर को चर्चा में आने का शौक है, और धमकियां देने वालों को भी शायद यही शौक हो।" कोर्ट ने यह संकेत दिया कि जिन लोगों ने धमकियां दी हैं, उन्हें भी ऐसा ही ध्यान आकर्षित करने की इच्छा हो सकती है, जैसे कि रणवीर को है।
FIR को मर्ज करने की मांग
सुप्रीम कोर्ट ने 16 फरवरी को रणवीर इलाहाबादिया द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई की, जिसमें उन्होंने सभी FIR को मर्ज करने की मांग की थी। कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए रणवीर को गिरफ्तारी से राहत दी और नई FIR के पंजीकरण पर भी रोक लगा दी। हालांकि, कोर्ट ने रणवीर की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताई और यह स्पष्ट किया कि वे इस तरह की भाषा को सहन नहीं करेंगे। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय रणवीर के लिए राहत देने वाला था, लेकिन साथ ही कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि इस तरह की टिप्पणियों को लेकर किसी को भी लापरवाह नहीं रहना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस प्रकार की भाषा केवल एक व्यक्ति के लिए नहीं बल्कि समाज के लिए भी हानिकारक हो सकती है।