Edited By Radhika,Updated: 04 Mar, 2025 01:09 PM

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि किसी को 'मियां-तियां' या 'पाकिस्तानी' कहना अपराध नहीं है। कोर्ट ने कहा कि हालांकि यह गलत हो सकता है, लेकिन भारतीय दंड संहिता IPC की धारा 298 के तहत इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने...
नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि किसी को 'मियां-तियां' या 'पाकिस्तानी' कहना अपराध नहीं है। कोर्ट ने कहा कि हालांकि यह गलत हो सकता है, लेकिन भारतीय दंड संहिता IPC की धारा 298 के तहत इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला अपराध नहीं माना जाएगा। कोर्ट ने साफ किया कि यह बात IPC की धारा 298 के तहत आने वाले अपराधों से अलग है।
सुप्रीम कोर्ट ने 'हरि नंदन सिंह बनाम राजस्थान' मामले में आरोपी को आरोपमुक्त कर दिया। कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 298 के तहत आरोपी को दोषी नहीं माना। धारा 298 का मतलब है, जानबूझकर किसी के धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से शब्द बोलना। कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने ऐसा कुछ नहीं किया, इसलिए उसे आरोपमुक्त किया जाता है।
मामले में क्या आरोप थे?
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान, अपीलकर्ता पर आरोप था कि उसने एक व्यक्ति को 'मियां-तियां' और 'पाकिस्तानी' कहकर उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई। यह मामला जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने 11 फरवरी को सुना। आरोपी पर यह आरोप था कि उसने एक सरकारी कर्मचारी को 'पाकिस्तानी' कहा, जबकि वह सरकारी कामकाज के दौरान अपने कर्तव्यों का पालन कर रहा था।