Edited By Anu Malhotra,Updated: 25 Nov, 2024 08:48 AM
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार को मस्जिद सर्वे के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान चार लोगों की मौत हो गई और 20 पुलिसकर्मियों समेत कई अन्य घायल हो गए। घटना के बाद प्रशासन ने सख्त सुरक्षा उपाय अपनाते हुए क्षेत्र में इंटरनेट सेवा निलंबित कर...
नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार को मस्जिद सर्वे के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान चार लोगों की मौत हो गई और 20 पुलिसकर्मियों समेत कई अन्य घायल हो गए। घटना के बाद प्रशासन ने सख्त सुरक्षा उपाय अपनाते हुए क्षेत्र में इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी है, स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए हैं और धारा 144 लागू कर दी है।
क्या है मामला?
हिंसा उस समय भड़की जब शाही मस्जिद पर हो रहे एडवोकेट कमीशन के सर्वे का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया। यह सर्वे एक अदालत के आदेश पर हो रहा था, जिसमें दावा किया गया है कि मस्जिद को एक मंदिर को तोड़कर बनवाया गया था।
प्रदर्शन के दौरान हिंसा:
सुबह 7 बजे शुरू हुई हिंसा में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। प्रदर्शनकारियों ने फायरिंग की, जिसमें एक पुलिसकर्मी के पैर में गोली लगी, जबकि अन्य को छर्रे लगे। हिंसा में 15-20 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें एक को गंभीर सिर चोट और डिप्टी कलेक्टर को पैर में फ्रैक्चर हुआ। हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई। मारे गए लोगों की पहचान नौमान, बिलाल, नईम और मोहम्मद कैफ के रूप में हुई है। हालांकि, उनके मौत के कारणों का पता पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा।
प्रशासन के कड़े कदम
इंटरनेट सेवा बंद: क्षेत्र में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई।
धारा 144 लागू: सार्वजनिक सभाओं और भीड़ इकट्ठा होने पर प्रतिबंध।
स्कूल-कॉलेज बंद: कक्षा 12 तक के सभी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए।
सख्त आदेश: क्षेत्र में पत्थर, सोडा की बोतलें या ज्वलनशील पदार्थ खरीदने और रखने पर प्रतिबंध।
इसके अलावा, बाहरी लोगों, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों को बिना अनुमति क्षेत्र में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
घटना के बाद विपक्ष ने भाजपा पर तीखे आरोप लगाए। वहीं कांग्रेस ने पुलिस पर सीधे प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आरोप लगाया और इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा-आरएसएस की "साजिश" करार दिया। अखिलेश यादव ने इसे "चुनावी धांधली से ध्यान भटकाने के लिए सुनियोजित हिंसा" बताया। भाजपा ने विपक्षी गठबंधन INDIA पर अस्थिरता फैलाने का आरोप लगाया और इसे "घमंडिया गठबंधन" का षड्यंत्र बताया।
सर्वे का विवाद और न्यायिक प्रक्रिया
19 नवंबर को स्थानीय अदालत के आदेश पर शाही मस्जिद का सर्वे शुरू हुआ। दावा किया गया है कि 1529 में मुगल सम्राट बाबर ने हरिहर मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण कराया था। पहला सर्वे अधूरा रहने के बाद रविवार को दूसरा सर्वे किया गया। हिंसा के बावजूद एडवोकेट कमीशन ने सर्वे पूरा कर लिया।
आगे की कार्रवाई:
-घटना की मजिस्ट्रेट जांच कराई जाएगी।
-हिंसा में शामिल 21 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं।
-आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत मामला दर्ज होगा।
हिंदू पक्ष का दावा
सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने अदालत से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को "मंदिर" का नियंत्रण लेने का अनुरोध किया। स्थानीय वकील गोपाल शर्मा ने दावा किया कि 1529 में बाबर ने मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनवाई थी। इस घटना ने क्षेत्र में तनाव बढ़ा दिया है। प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।