Edited By Anu Malhotra,Updated: 26 Nov, 2024 10:38 AM
तमिलनाडु और पुडुचेरी में भारी बारिश के पूर्वानुमान के चलते आज स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। तमिलनाडु के मयिलादुथुराई, नागपट्टिनम और पुडुचेरी के कराईकल जिलों के कलेक्टरों ने इन क्षेत्रों में शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश घोषित कर दिया है।...
नेशनल डेस्क: तमिलनाडु और पुडुचेरी में भारी बारिश के पूर्वानुमान के चलते आज स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। तमिलनाडु के मयिलादुथुराई, नागपट्टिनम और पुडुचेरी के कराईकल जिलों के कलेक्टरों ने इन क्षेत्रों में शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश घोषित कर दिया है। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) ने मयिलादुथुराई, नागपट्टिनम, तिरुवरुर और कराईकल जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें मंगलवार को अत्यधिक भारी बारिश (20.4 सेमी से अधिक) का अनुमान लगाया गया है।
मौसम पूर्वानुमान और अलर्ट
यह भारी बारिश बंगाल की खाड़ी में बने एक दबाव क्षेत्र के कारण हो रही है, जो अब एक गहरे दबाव क्षेत्र में बदल चुका है। यह दबाव क्षेत्र वर्तमान में श्रीलंका के त्रिनकोमाली से 530 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व और नागपट्टिनम से 810 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व स्थित है। अगले 24 घंटों में यह क्षेत्र उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ेगा और श्रीलंका तथा तमिलनाडु के तटों की ओर बढ़ने की संभावना है।
बुधवार के लिए भी मयिलादुथुराई, नागपट्टिनम और कराईकल जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है, जिसमें भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा, आरएमसी ने विल्लुपुरम, कुड्डालोर, अरियालुर, तंजावुर, पुदुक्कोट्टई, शिवगंगा जिलों और पुडुचेरी के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें 11.56 सेमी से 20.44 सेमी तक भारी बारिश का पूर्वानुमान है। रामनाथपुरम, तिरुचिरापल्ली, पेरम्बलुर, कल्लाकुरिची और चेंगलपट्टू जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, जहां 6.45 सेमी से 11.5 सेमी तक बारिश हो सकती है।
एडवाइजरी
आरएमसी ने मछुआरों को दक्षिणी बंगाल की खाड़ी में बने दबाव क्षेत्र के कारण 28 नवंबर तक गहरे समुद्र में मछली पकड़ने से बचने की सलाह दी है। 17 अक्टूबर से शुरू हुए मानसून के कारण तमिलनाडु में लगातार बारिश हो रही है, जिससे राज्य के जलाशयों में जल स्तर में सुधार हुआ है। राज्य के लगभग 90 जलाशय अब 60% से अधिक भर चुके हैं, जिनमें कुल 143.804 TMC (हजार मिलियन क्यूबिक फीट) पानी है, जो उनकी कुल क्षमता का 64.11% है। यह पिछले साल की तुलना में महत्वपूर्ण सुधार है, जब जलाशयों में जल स्तर सिर्फ 35.58% था। मेट्टूर जलाशय में इस वर्ष 384% वृद्धि हुई है और भवानी सागर जलाशय में 210% की वृद्धि हुई है। यह भारी बारिश न केवल जलाशयों में पानी की उपलब्धता को बढ़ा रही है, बल्कि पिछले वर्ष के मुकाबले जल स्तर में उल्लेखनीय सुधार को भी दर्शाती है।