Edited By Parminder Kaur,Updated: 21 Feb, 2025 10:30 AM
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मृत्यु के बाद आत्मा कहां जाती है। इस बारे में कोई ठोस प्रमाण नहीं हैं, लेकिन कई धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं हैं। उदाहरण के लिए प्राचीन यूनानी मानते थे कि मरने के बाद चेरोन नामक एक नाविक आत्मा को दूसरी दुनिया में ले जाता है। वहीं अब ब्रिटिश...
नेशनल डेस्क. मृत्यु के बाद आत्मा कहां जाती है। इस बारे में कोई ठोस प्रमाण नहीं हैं, लेकिन कई धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं हैं। उदाहरण के लिए प्राचीन यूनानी मानते थे कि मरने के बाद चेरोन नामक एक नाविक आत्मा को दूसरी दुनिया में ले जाता है। वहीं अब ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने एक नई खोज की है, जिससे यह माना जा रहा है कि मृत्यु के बाद आत्मा का दूसरी दुनिया में जाना एक रासायनिक प्रक्रिया का हिस्सा हो सकता है।
क्या कहते हैं वैज्ञानिक?
ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि एक विशेष रसायन मृत्यु के समय हमारे दिमाग में सक्रिय हो जाता है, जिसे साइकेडेलिक न्यूरोकेमिकल कहा जाता है। यह रसायन शरीर से आत्मा को बाहर निकालकर दूसरी दुनिया में ले जाने का काम करता है।
डीएमटी का महत्व
लंदन के इंपीरियल कॉलेज के शोधकर्ताओं के अनुसार, निकट-मृत्यु अनुभवों के दौरान मतिभ्रम या विचित्र अनुभव होते हैं। उनमें डीएमटी (डायमेथाइलट्रिप्टामाइन) नामक रसायन का महत्वपूर्ण योगदान होता है। यह रसायन हमारे दिमाग में स्वाभाविक रूप से पाया जाता है। इस रसायन के कारण व्यक्ति को मृत्यु के बाद दिवंगत प्रियजनों की उपस्थिति, स्वर्ग जैसी जगहें, या भगवान की आवाज सुनाई दे सकती है।
चूहों पर किए गए शोध से मिली जानकारी
वैज्ञानिकों ने इस रसायन पर अब तक चूहों पर शोध किया है। चूहों में डीएमटी की उपस्थिति और इसके प्रभावों को समझने के बाद वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला कि यह रसायन मृत्यु के समय हमारे दिमाग में तेजी से भर जाता है और इसी के चलते व्यक्ति को ऐसे अनुभव होते हैं, जो मृत्यु के बाद की दुनिया को दर्शाते हैं। हालांकि, यह खोज अभी शुरुआती चरण में है और इस पर और अधिक शोध की आवश्यकता है, लेकिन इसने मृत्यु और आत्मा के विषय पर एक नई दिशा में सोचने की संभावना को जन्म दिया है।