Edited By Rahul Rana,Updated: 19 Dec, 2024 10:59 AM
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बुधवार को मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने SME IPO मार्केट को मजबूत और पारदर्शी बनाने के लिए कई अहम फैसले लिए। इन बदलावों का उद्देश्य SME सेक्टर में कॉरपोरेट गवर्नेंस सुधारना फंड के दुरुपयोग को रोकना और निवेशकों के हितों की रक्षा करना है।
नेशनल डेस्क। बुधवार को मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने SME IPO मार्केट को मजबूत और पारदर्शी बनाने के लिए कई अहम फैसले लिए। इन बदलावों का उद्देश्य SME सेक्टर में कॉरपोरेट गवर्नेंस सुधारना फंड के दुरुपयोग को रोकना और निवेशकों के हितों की रक्षा करना है।
नए नियम क्या हैं?
1. ऑपरेटिंग प्रॉफिट का नियम:
SME एक्सचेंज में लिस्ट होने वाली कंपनियों को पिछले तीन वित्तीय वर्षों में से कम से कम दो वर्षों में 1 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग प्रॉफिट दिखाना होगा। इसका मतलब है कि केवल आर्थिक रूप से मजबूत और भरोसेमंद कंपनियां ही IPO के लिए पात्र होंगी।
2. शेयर बिक्री की सीमा:
IPO के दौरान सेलिंग शेयरहोल्डर्स अब अपनी 50% से ज्यादा हिस्सेदारी नहीं बेच पाएंगे। इसका उद्देश्य बाजार में स्थिरता बनाए रखना और निवेशकों को भरोसा देना है।
3. फंड के इस्तेमाल पर रोक:
सेबी ने यह तय किया है कि IPO से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल प्रमोटर्स डायरेक्टर्स या उनसे संबंधित पार्टियों को दिए गए लोन चुकाने के लिए नहीं किया जा सकेगा। यह कदम फंड के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए उठाया गया है।
SEBI की कड़ी निगरानी क्यों?
इस साल SME IPO मार्केट में काफी तेजी देखी गई है।
- 230 SMEs ने जुटाए रेकॉर्ड फंड:
2023 में अब तक 230 SMEs ने IPO के जरिए 8,414 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
- IPO में निवेशकों की बड़ी दिलचस्पी:
SME IPOs को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला है। इनमें से 126 IPOs को 100 गुना से अधिक सब्सक्राइब किया गया और औसत बिड्स 178 गुना तक पहुंच गए।
लेकिन इस तेजी के साथ-साथ कुछ चिंताएं भी बढ़ी थीं जैसे:
: फंड का गलत इस्तेमाल।
: कॉरपोरेट गवर्नेंस की कमी।
: शेयर की कीमतों में हेरफेर।
इन चिंताओं को देखते हुए SEBI ने इस सेक्टर पर अपनी नजर कड़ी कर दी थी।
इन सुधारों से क्या होगा?
- पारदर्शिता: कंपनियों को अपने ऑपरेशन और फंड का सही इस्तेमाल दिखाना होगा।
- निवेशकों का भरोसा: नियमों से निवेशकों को भरोसा मिलेगा कि उनका पैसा सुरक्षित है।
- स्मार्ट गवर्नेंस: कॉरपोरेट गवर्नेंस के मजबूत होने से बाजार में अनियमितताओं की गुंजाइश कम होगी।
SEBI का लक्ष्य
बता दें कि इन सुधारों का मकसद SME IPO मार्केट को एक स्वस्थ और भरोसेमंद इकोसिस्टम में बदलना है। इससे न सिर्फ छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों को फंड जुटाने में मदद मिलेगी बल्कि निवेशकों को भी अच्छे रिटर्न मिलने की उम्मीद है।
SME सेक्टर में तेजी से हो रहे बदलाव इस क्षेत्र को भारतीय अर्थव्यवस्था का मजबूत हिस्सा बना रहे हैं।