Edited By rajesh kumar,Updated: 28 Feb, 2025 02:22 PM

बाजार नियामक सेबी ने एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) के लिए एक अहम आदेश जारी किया है। इसके तहत, अब से एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को नई फंड ऑफरिंग (NFO) के जरिए जुटाई गई रकम को 30 दिनों के अंदर निवेश करना होगा। वर्तमान में इस रकम के निवेश के लिए कोई...
नई दिल्ली: बाजार नियामक सेबी ने एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) के लिए एक अहम आदेश जारी किया है। इसके तहत, अब से एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को नई फंड ऑफरिंग (NFO) के जरिए जुटाई गई रकम को 30 दिनों के अंदर निवेश करना होगा। वर्तमान में इस रकम के निवेश के लिए कोई समयसीमा नहीं थी। यह नया नियम एक अप्रैल 2025 से लागू होगा।
नया आदेश क्यों?
सेबी का यह कदम एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को NFO के जरिए सिर्फ इतनी ही रकम इकट्ठा करने के लिए प्रेरित करना है, जिसका सही समय पर इस्तेमाल किया जा सके। इस आदेश से सेबी का उद्देश्य म्यूचुअल फंड के NFO की गलत बिक्री को रोकना और कंपनियों को सिर्फ वास्तविक निवेश की जरूरत के हिसाब से पैसा इकट्ठा करने की आदत डालना है।
सेबी के आदेश का विवरण
सेबी ने अपने सर्कुलर में कहा है कि एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को राशि के निवेश की समयसीमा म्यूचुअल फंड से जुड़ी योजना सूचना दस्तावेज (SID) में स्पष्ट रूप से बतानी होगी। कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि NFO से जुटाई गई रकम 30 कारोबारी दिनों के भीतर निवेश की जाए। अगर किसी विशेष परिस्थिति के कारण कंपनियां 30 दिन के भीतर रकम का उपयोग नहीं कर पातीं, तो उन्हें अपनी निवेश समिति से लिखित रूप में कारण बताना होगा। इसके बाद निवेश समिति को समयसीमा बढ़ाने का अधिकार होगा, जो 30 कार्यदिवस तक बढ़ाई जा सकती है।
अधिक जानकारी
इस संशोधन को दिसंबर 2024 में सेबी के निदेशक मंडल से मंजूरी मिली थी। सेबी ने यह भी कहा था कि यदि निर्धारित समयसीमा के भीतर निवेश नहीं किया जाता है, तो निवेशकों को बिना किसी निकासी शुल्क के योजना से बाहर निकलने का विकल्प मिलेगा।