मजाक-मजाक में DNA टेस्ट से खुला 1997 में हुई हत्या का राज, दादी को गिरफ्तार किया गया!

Edited By Mahima,Updated: 07 Jan, 2025 04:13 PM

secret of a murder committed in 1997 was revealed through a dna test

मिशिगन राज्य की 23 साल की जेना गेरवाटोव्स्की ने मजाक-मजाक में एक DNA टेस्ट करवाया, जिसने 1997 के बेबी गार्नेट हत्याकांड का रहस्य उजागर किया। जांच में पता चला कि उसकी दादी नैन्सी ने शिशु को जन्म देने के बाद उसकी हत्या कर उसे टॉयलेट में छोड़ दिया था।...

नेशनल डेस्क: अमेरिका के मिशिगन स्टेट में 23 साल की जेना गेरवाटोव्स्की के लिए एक साधारण DNA टेस्ट ने उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा रहस्य उजागर कर दिया। यह मामला एक अनसुलझी हत्या के केस से जुड़ा है, जिसने न केवल जेना की, बल्कि उसके पूरे परिवार की दुनिया को हिला कर रख दिया। जेना ने क्रिसमस के मौके पर अपने एक दोस्त से एक "फैमिलीट्री" DNA टेस्ट किट गिफ्ट के तौर पर प्राप्त किया था। मजाक-मजाक में जेना ने इस किट को टेस्ट करने का फैसला लिया, लेकिन इस फैसले ने उसके जीवन के सबसे बड़े राज को उजागर कर दिया। 

जेना ने इस DNA टेस्ट के परिणामों के बाद जब अपने पारिवारिक रिश्तों का पता लगाया, तो वह पूरी तरह से चौंक गई। उसे सूचना मिली कि उसका डीएनए एक ऐसे केस से मेल खाता है, जिसका संबंध 1997 में हुए एक नृशंस हत्या से था। इस हत्या में एक नवजात शिशु, जिसे बाद में "बेबी गार्नेट" के नाम से जाना गया, को गार्नेट लेक कैंपग्राउंड के एक टॉयलेट में मृत पाया गया था। यह मामला उस समय पूरे मिशिगन में चर्चा का विषय बना था, क्योंकि कोई भी नहीं जानता था कि यह बच्चा कहां से आया था और उसे किसने मारा। 

करीब 30 सालों तक यह मामला ठंडे बस्ते में था, लेकिन जेना के DNA परीक्षण ने एक नई दिशा में सुराग दे दिया। एक पुलिस जासूस ने उसे फोन किया और पूछा, "क्या आपने बेबी गार्नेट केस के बारे में सुना है?" जब जेना ने हां कहा, तो पुलिस अधिकारी ने बताया कि उसका डीएनए उस शिशु से मेल खाता है। यह जानकारी जेना के लिए एक बड़ा झटका थी, क्योंकि वह उस समय इस मामले से पूरी तरह अनजान थी। 

जेना ने जब अपनी मां, कारा गेरवाटोव्स्की से इस बारे में बात की, तो पहले तो उन्होंने इसे एक धोखाधड़ी समझा। दरअसल, जेना के दादा को भी कुछ समय पहले किसी ने जासूस बनकर ठगा था। कारा ने अपनी बेटी को सलाह दी कि वह अपनी निजी जानकारी किसी से न साझा करे। हालांकि, अगले ही दिन जब जेना अपने काम पर थी, तो उसकी मां ने घबराए हुए फोन पर उसे बताया कि पुलिस ने उनसे संपर्क किया है और उन्हें बेबी गार्नेट केस के बारे में जानकारी देने के लिए कहा है। 

इस बीच, जेना को पता चला कि वह दरअसल बेबी गार्नेट की सौतेली भतीजी है। उसकी मां कारा, जो उस समय 42 साल की थीं, बेबी गार्नेट की सौतेली बहन निकली। कारा और नैन्सी गेरवाटोव्स्की (जेना की दादी) के बीच वर्षों से कोई संपर्क नहीं था, क्योंकि दोनों के रिश्ते खराब थे। कारा और नैन्सी ने 18 साल की उम्र से एक-दूसरे से बात नहीं की थी। इससे यह स्पष्ट हुआ कि जेना कभी अपनी दादी से नहीं मिली थी और उसे इस राज का पता भी नहीं था। 

पुलिस की जांच में यह भी पता चला कि नैन्सी ने 1997 में इस बच्चे को जन्म दिया था। मिशिगन के अटॉर्नी जनरल के अनुसार, नैन्सी ने अकेले ही न्यूबेरी में अपने घर पर इस नवजात शिशु को जन्म दिया था। शिशु की मृत्यु दम घुटने से हुई थी, लेकिन नैन्सी ने इस मामले को छुपाने के लिए बच्चे को एक बैग में रखकर गार्नेट लेक कैंपग्राउंड के टॉयलेट में छोड़ दिया। उसने किसी भी मेडिकल सहायता को स्वीकार नहीं किया, जो उस समय शिशु की जान बचा सकती थी। नैन्सी का कहना था कि जब उसने बच्चे को जन्म दिया तो वह नहाते समय बेहोश हो गई थी और जब उसे होश आया, तो उसने बच्चे को मृत पाया। फिर, उसने उसे ठिकाने लगाने के लिए उसे छोड़ दिया।

जेना ने इस स्थिति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "मैंने कभी सोचा नहीं था कि यह मेरी दादी के साथ जुड़ा होगा।" यह राज़ जब उसने और उसके परिवार ने जाना, तो वे सभी सदमे में थे। नैन्सी गेरवाटोव्स्की पर अब हत्या का आरोप लगा है। पुलिस के मुताबिक, नैन्सी ने उस वक्त अपने बच्चे को बचाने का कोई प्रयास नहीं किया, और उसने उसे जानबूझकर मार दिया। इस मामले में उसकी भूमिका बेहद स्पष्ट हो गई है और अब उसे हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। नैन्सी पर अब आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। 

 

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