Edited By rajesh kumar,Updated: 21 Jan, 2025 03:54 PM
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंगलवार को राज्य में माओवादी गतिविधियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की अपनी सरकार की नीति की पुष्टि की और इसे समाज के लिए "कैंसर" बताया।
नेशनल डेस्क: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंगलवार को राज्य में माओवादी गतिविधियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की अपनी सरकार की नीति की पुष्टि की और इसे समाज के लिए "कैंसर" बताया। उन्होंने यह बयान हाल ही में गरियाबंद जिले में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ पर दिया, जिसमें 20 नक्सलियों के शव बरामद किए गए थे। उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा बलों ने इस मुठभेड़ में शानदार काम किया और नक्सलियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखेंगे।
यह भी पढ़ें:
Jio ने अपने करोड़ों यूजर्स को दिया बड़ा झटका, महंगा हुआ ये पॉपुलर प्लान
डेब्यू मैच में मचाया तहलका, 5 रन देकर लिए 5 विकेट... भारत ने 2.5 ओवर में जीता मैच
15 मिनट तक नहीं खुला एंबुलेंस का दरवाजा, मरीज ने अंदर ही तोड़ दिया दम
'माओवाद एक कैंसर की तरह'
उन्होंने बताया, "गरियाबंद जिले के मैनपुर थाना अंतर्गत कुल्हाड़ी घाट के पास हमारे सुरक्षा बलों की माओवादियों से मुठभेड़ हुई। अब तक एक दर्जन से अधिक माओवादी मारे जा चुके हैं। एक सप्ताह के भीतर नक्सलियों के साथ दो बड़ी मुठभेड़ हो चुकी हैं।" साय ने कहा, "हमारे जवानों ने बड़ी सफलता हासिल की है और हमारी सरकार नक्सलवाद को खत्म करने के लिए काम कर रही है। माओवाद एक कैंसर की तरह है और हम इसे पूरी तरह से नष्ट करने में सफल होंगे। हम प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के संकल्प को पूरा करेंगे।"
नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा- मुख्यमंत्री
उन्होंने ऑपरेशन में शामिल सुरक्षाकर्मियों के साहस की भी सराहना की और कहा कि नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है और 31 मार्च 2026 तक यह पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा, "मैं हमारे सुरक्षा बल के जवानों के साहस को सलाम करता हूं और उनकी प्रशंसा करता हूं... नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है और हम इसे 31 मार्च 2026 तक समाप्त कर देंगे।"
नक्सलियों के शव बरामद किए
इससे पहले रायपुर जोन के पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा ने बताया कि ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा के पास छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के दौरान 20 नक्सलियों के शव बरामद किए गए। आईजी मिश्रा के एक बयान के अनुसार, सुरक्षा बलों ने बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया, जिसमें एके-47, एसएलआर, इंसास और अन्य स्वचालित हथियार शामिल हैं।
एसएलआर राइफल समेत बड़ी मात्रा में हथियार बरामद
इस बीच, गरियाबंद के पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा ने एक बयान में कहा कि गरियाबंद ऑपरेशन ग्रुप ई30, कोबरा 207, सीआरपीएफ 65 और 211 बटालियन और एसओजी नुआपाड़ा द्वारा संयुक्त नक्सल विरोधी अभियान के दौरान शव बरामद किए गए। एसपी के अनुसार, सुरक्षा बलों ने नक्सली सेंट्रल कमेटी के सदस्य जयराम उर्फ चलपति को भी मार गिराया, जिस पर एक करोड़ का इनाम था। रविवार को शुरू किए गए इस अभियान में माओवादियों के वरिष्ठ कार्यकर्ता भी मारे गए तथा एसएलआर राइफल जैसे स्वचालित हथियारों सहित बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए गए।
नक्सलवाद को एक और करारा झटका- अमित शाह
इस घटनाक्रम के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा बलों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह नक्सलवाद के लिए एक "बड़ा झटका" है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, "नक्सलवाद को एक और करारा झटका। हमारे सुरक्षा बलों ने नक्सल मुक्त भारत के निर्माण की दिशा में बड़ी सफलता हासिल की है। सीआरपीएफ, एसओजी ओडिशा और छत्तीसगढ़ पुलिस ने ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर एक संयुक्त अभियान में 14 नक्सलियों को मार गिराया। नक्सल मुक्त भारत के हमारे संकल्प और हमारे सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयासों से नक्सलवाद आज अंतिम सांस ले रहा है।"