Edited By Parminder Kaur,Updated: 05 Apr, 2025 12:13 PM
दुल्हन बनने की तैयारी कर रही सानिया के लिए जिंदगी का सबसे कठिन पल तब आया, जब उसने अपने मंगेतर सिद्धार्थ यादव का पार्थिव शरीर देखा। सिदार्थ की मौत ने सानिया को गहरे सदमे में डाल दिया और वह फूट-फूटकर रो पड़ी। उसके मुंह से निकला, "मेरी जिंदगी शुरू होने...
नेशनल डेस्क. दुल्हन बनने की तैयारी कर रही सानिया के लिए जिंदगी का सबसे कठिन पल तब आया, जब उसने अपने मंगेतर सिद्धार्थ यादव का पार्थिव शरीर देखा। सिदार्थ की मौत ने सानिया को गहरे सदमे में डाल दिया और वह फूट-फूटकर रो पड़ी। उसके मुंह से निकला, "मेरी जिंदगी शुरू होने से पहले ही खत्म हो गई।" यह शब्द सुनकर वहां माहौल गमगीन हो गया। 23 मार्च को सिदार्थ ने सानिया से सगाई की थी और दोनों की शादी 2 नवंबर को तय हुई थी, लेकिन सगाई के 10 दिन बाद ही सिदार्थ की मौत हो गई और उनकी खुशियां मातम में बदल गईं।
गुजरात में प्लेन क्रैश में शहीद हुए मंगेतर का अंतिम संस्कार
2 अप्रैल को गुजरात के जामनगर में भारतीय वायुसेना का जगुआर विमान क्रैश हो गया था, जिसमें हरियाणा के रेवाड़ी जिले के फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव शहीद हो गए। उस दिन शाम करीब साढ़े 9 बजे जैसे ही विमान ने उड़ान भरी। उसमें कुछ तकनीकी खराबी आई। सिद्धार्थ ने तुरंत अपने को-पायलट मनोज कुमार को विमान से बाहर निकालने का आदेश दिया और खुद विमान को घनी आबादी से दूर खाली जगह पर ले जाने की कोशिश की। अंततः विमान वहां गिरा और उसमें भयंकर आग लग गई, जिसमें सिद्धार्थ की मौत हो गई।
सानिया के लिए यह पल था असहनीय
सिद्धार्थ के पार्थिव शरीर को देखकर सानिया लगातार रोती रही और कहती रही, "प्लीज एक बार मुझे उसकी शक्ल दिखा दो। मुझे सिद्धार्थ पर गर्व है। 2 नवंबर को हमारी शादी होनी थी, हम तैयारियां कर रहे थे।" सिद्धार्थ के पार्थिव शरीर को देखकर सानिया लगातार यही कहती रही कि "बेबी, तू मुझे लेने नहीं आया, तूने कहा था तू आएगा।" इन शब्दों के साथ वह फिर से बेसुध हो गई। किसी तरह उसके परिजनों ने उसे संभाला और घर ले गए।

सिद्धार्थ यादव को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई
4 अप्रैल को शहीद सिद्धार्थ यादव का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव भालखी माजरा में राजकीय सम्मान के साथ किया गया। इस मौके पर एयरफोर्स के जवान भी मौजूद थे, जिन्होंने शहीद सिद्धार्थ को फायर करके श्रद्धांजलि अर्पित की। सिद्धार्थ के पिता सुशील यादव ने अपने इकलौते बेटे की चिता को मुखाग्नि दी। सिद्धार्थ का यह बलिदान देश के लिए एक बड़ी क्षति है और उनके परिवार के लिए यह अनमोल शोक का समय है। उनकी मंगेतर सानिया और उनका परिवार इस मुश्किल घड़ी में गहरे शोक में डूबे हुए हैं।