नई संसद के उद्घाटन पर दिखेगा 'सेंगोल', शाह ने बताया इतिहास...विपक्षी दलों के बॉयकट पर दिया यह जवाब

Edited By Seema Sharma,Updated: 24 May, 2023 12:43 PM

sengol will be seen at the inauguration of new parliament shah told history

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। अमित शाह ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि  नए संसद भवन के उद्धाटन के लिए सभी दलों को आमंत्रित किया गया है।

नेशनल डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। अमित शाह ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि  नए संसद भवन के उद्धाटन के लिए सभी दलों को आमंत्रित किया गया है। शाह ने कहा कि हमारी तो यही भावना है कि स्भी दल इस समारोह में शामिल हों। वहीं विपक्षा दलों के बॉयकट पर शाह ने कहा कि बाकि सबकी अपनी भावना है वो खुद देखेंगे। शाह ने बताया कि इस मौके पर पीएम मोदी 60 हजार श्रमयोगियों का भी सम्मान करेंगे, जिन्होंने संसद भवन के निर्माण में अपना योगदान दिया है।

PunjabKesari

उन्होंने बताया कि नई संसद के उद्घाटन के मौके पर ऐतिहासिक परंपरा पुनर्जीवित होगी। नई संसद में सेंगोल (राजदंड) को स्थापित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि संगोल को स्पीकर के पास स्थापित किया जाएगा। संगोल का अर्थ होता है संपदा से संपन्न। तमिलनाडु से आए विद्वानों द्वारा सेंगोल पीएम को दी जाएगी फिर संसद में ये परमानेंट स्थापित की जाएगी। शाह ने बताया कि सेंगोल इससे पहले इलाहाबाद के संग्रहालय में रखा था।

 

सेंगोल का इतिहास

अमित शाह ने बताया कि आजादी के समय जब पंडित नेहरू से पूछा गया कि सत्ता हस्तांतरण के दौरान क्या आयोजन होना चाहिए? नेहरू जी ने अपने सहयोगियों से चर्चा की। सी गोपालाचारी से पूछा गया तो उन्होंने सेंगोल की प्रक्रिया को चिन्हित किया। पंडित नेहरू ने पवित्र सेंगोल को तमिलनाडु से मंगवा कर अंग्रेजों से सेंगोल को स्वीकार किया। इसका तात्पर्य था पारंपरिक तरीके से ये सत्ता हमारे पास आई है।

PunjabKesari

चोला साम्राज्य से जुड़ा है सेंगोल

शाह ने बताया कि सेंगोल जिसको प्राप्त होता है उससे निष्पक्ष और न्यायपूर्ण शासन की उम्मीद की जाती है। यह चोला साम्राज्य से जुड़ा हुआ है। तमिलनाडु के पुजारियों द्वारा इसमें धार्मिक अनुष्ठान किया गया। आजादी के समय जब इसे नेहरू जी को सौंपा गया था, तब पूरी मीडिया ने इसे कवरेज दिया था।

PM Modi makes surprise visit to new Parliament building, inspects various  works | The Times of India

गृह मंत्री ने कहा, 1947 के बाद उसे भुला दिया गया। शाह ने कहा कि 1947 में भारतीय स्वतंत्रता के बाद, भारत सरकार द्वारा सेंगोल राजदंड का उपयोग नहीं किया गया था, हालांकि सेंगोल राजदंड अभी भी भारतीय सम्राट की शक्ति और अधिकार का प्रतीक है. यह भारत के समृद्ध इतिहास की याद दिलाता है, और यह देश की आजादी का प्रतीक है। भारत सरकार ने 2021-22 में इसका जिक्र है। 96 साल के तमिल विद्वान जो 1947 में उपस्थित थे वो भी उस दिन नए संसद भवन में मौजूद रहेंगे।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!