Edited By Anu Malhotra,Updated: 29 Aug, 2024 07:43 AM
बांग्लादेश के एक वरिष्ठ पत्रकार का शव उनकी एक गुप्त सोशल मीडिया पोस्ट के कुछ ही घंटों बाद एक झील में मिला है। घटना ने पूरे देश में सनसनी फैला दी है। मृतक पत्रकार ने अपनी आखिरी पोस्ट में "मौत" का ज़िक्र करते हुए कुछ अस्पष्ट बातें लिखी थीं, जो अब एक...
नेशनल डेस्क: बांग्लादेश के एक वरिष्ठ पत्रकार का शव उनकी एक गुप्त सोशल मीडिया पोस्ट के कुछ ही घंटों बाद एक झील में मिला है। घटना ने पूरे देश में सनसनी फैला दी है। मृतक पत्रकार ने अपनी आखिरी पोस्ट में "मौत" का ज़िक्र करते हुए कुछ अस्पष्ट बातें लिखी थीं, जो अब एक चेतावनी के रूप में देखी जा रही हैं।
पुलिस और जांच एजेंसियां इस मामले की तहकीकात में जुटी हैं, यह जानने के लिए कि क्या यह आत्महत्या का मामला है या किसी अपराध का। उनके परिवार और सहयोगियों ने इस मामले में गहन जांच की मांग की है, क्योंकि उनकी पोस्ट और अचानक हुई मौत के बीच का संबंध काफी संदिग्ध लग रहा है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मृतका की पहचान सारा रहनुमा के रूप में हुई है, जो एक बांग्ला-भाषा के न्यूज चैनल में न्यूजरूम एडिटर थीं। रहनुमा का शव ढाका के हाटीरझील झील में बुधवार तड़के मिला। वहां से गुजरते एक व्यक्ति ने उनके शव को झील से बाहर निकाला और ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल (DMCH) ले गया। हालांकि, डॉक्टरों ने उन्हें स्थानीय समयानुसार लगभग 2 बजे मृत घोषित कर दिया।
अस्पताल पुलिस चौकी के प्रभारी इंस्पेक्टर बच्चू मिया ने उनके शव की बरामदगी की पुष्टि की है। सारा रहनुमा की मौत से कुछ घंटों पहले, उन्होंने मंगलवार रात अपने फेसबुक प्रोफाइल पर दो रहस्यमय पोस्ट किए थे, जिनमें से एक पोस्ट में उन्होंने लिखा था, "मृत्यु से संबंधित जीवन जीने से बेहतर है मर जाना।"
दूसरे पोस्ट में सारा ने फहीम फैसल नामक एक व्यक्ति को टैग करते हुए अपनी और फैसल की कुछ तस्वीरें साझा की थीं, जिनमें वे दोनों बांग्लादेश के झंडे की पट्टियां पहने हुए थे। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा, "आप जैसे दोस्त का होना बहुत अच्छा था। भगवान आपका हमेशा भला करे। मुझे पता है कि हमारे पास बहुत सारी योजनाएं थीं। माफ़ कीजिए, मैं हमारी योजनाओं को पूरा नहीं कर पाऊंगी। भगवान आपकी जिंदगी के हर पहलू में आपको आशीर्वाद दें।"
पुलिस ने कहा कि उनकी मौत के कारण का पता लगाने के लिए जांच की जाएगी। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने इसे 'बांग्लादेश में अभिव्यक्ति की आजादी पर एक और क्रूर हमला' करार दिया है।
रहनुमा के पति सैयद शुभ्रो ने बताया कि घटना वाले दिन वह रात को काम से वापस नहीं लौटीं, उन्हें सुबह 3 बजे के आसपास जानकारी दी गई कि उन्होंने हाटीरझील झील में छलांग लगा दी है। शुभ्रो ने यह भी बताया कि रहनुमा कुछ समय से उनसे अलग होना चाहती थीं।