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अपने अहंकार की तुष्टि के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं अलग रह रहे पति-पत्नी: हाई कोर्ट

Edited By Harman Kaur,Updated: 03 Apr, 2025 05:50 PM

separated husband and wife can go to any extent to satisfy their ego high court

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक महिला की याचिका खारिज करते हुए कहा कि वैवाहिक विवादों में उलझे माता-पिता अपने अहंकार की संतुष्टि के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। महिला ने याचिका दायर कर मांग की थी कि बच्चे के जन्म संबंधी रिकॉर्ड में उसके और...

नेशनल डेस्क: बॉम्बे उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक महिला की याचिका खारिज करते हुए कहा कि वैवाहिक विवादों में उलझे माता-पिता अपने अहंकार की संतुष्टि के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। महिला ने याचिका दायर कर मांग की थी कि बच्चे के जन्म संबंधी रिकॉर्ड में उसके और सिर्फ उसके नाम को ही माता-पिता के रूप में दर्ज किया जाए। अदालत ने इस याचिका को खारिज करते हुए इसे न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग और समय की बर्बादी करार दिया।

यह मामला औरंगाबाद नगर निगम के अधिकारियों से संबंधित था, जिसमें महिला ने आवेदन किया था कि उसके बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र में सिर्फ उसका नाम एकल अभिभावक के रूप में दर्ज किया जाए, क्योंकि उसके अनुसार उसके पति के कुछ बुरी आदतें हैं और उसने कभी अपने बच्चे का चेहरा तक नहीं देखा।

अदालत का आदेश
बॉम्बे उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ के न्यायमूर्ति मंगेश पाटिल और न्यायमूर्ति वाई जी खोबरागड़े ने 28 मार्च को यह आदेश दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी माता-पिता अपने बच्चे के जन्म रिकॉर्ड के संबंध में किसी भी अधिकार का प्रयोग नहीं कर सकता। इसके साथ ही न्यायालय ने यह भी कहा कि यह याचिका वैवाहिक विवादों का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जो अनेक मुकदमों का कारण बनते हैं।

मामला क्या था?
महिला ने यह दावा किया कि उसके पति के बुरी आदतों के कारण वह अपने बच्चे की देखभाल नहीं करता और बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र में एकल अभिभावक के रूप में केवल उसका नाम ही दर्ज किया जाए। हालांकि, उच्च न्यायालय ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि केवल इसलिए कि पति की आदतें खराब हैं, मां को यह अधिकार नहीं है कि वह जन्म प्रमाण पत्र में सिर्फ अपना ही नाम दर्ज करने का दावा करे। अदालत ने याचिकाकर्ता पर 5,000 रुपए का जुर्माना लगाया और कहा कि यह याचिका न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है और अदालत के समय की बर्बादी है।

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