Telegram पर गंभीर आरोप, खुलेआम हो रही नशीली दवाओं और हथियारों की बिक्री

Edited By Harman Kaur,Updated: 09 Sep, 2024 11:59 AM

serious allegations on telegram sale of drugs and

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर हाल ही में गंभीर आरोप लगे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स ने चार महीनों की जांच और 16,000 चैनलों के 32 लाख से अधिक मैसेज का विश्लेषण करने के बाद खुलासा किया है कि यह एप अपराध, गलत सूचनाएं, बाल यौन शोषण, आतंकवाद और रंगभेद...

नेशनल डेस्क: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर हाल ही में गंभीर आरोप लगे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स ने चार महीनों की जांच और 16,000 चैनलों के 32 लाख से अधिक मैसेज का विश्लेषण करने के बाद खुलासा किया है कि यह एप अपराध, गलत सूचनाएं, बाल यौन शोषण, आतंकवाद और रंगभेद जैसे मामलों में शामिल हो रहा है।

नशीली दवाओं और हथियारों की बिक्री
जांच में पाया गया कि टेलीग्राम पर श्वेतों की सर्वोच्चता का समर्थन करने वाले 1500 चैनल सक्रिय हैं, जो दुनियाभर में लगभग 10 लाख लोगों के बीच संपर्क बनाए हुए हैं। इसके अलावा, 22 चैनलों पर नशीली दवाओं की बिक्री होती है और कम से कम दो दर्जन चैनलों पर हथियार बेचे जाते हैं। इन चैनलों के 70,000 से अधिक फॉलोअर्स हैं।

आतंकवाद और हिंसा का बढ़ता खतरा
हमास, आईएसआईएस जैसे आतंकवादी गुटों के चैनल्स भी टेलीग्राम पर सक्रिय हैं, जिनकी फॉलोअर्स संख्या हाल ही में 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमले के बाद दोगुनी हो गई है। अक्टूबर में इन चैनलों ने 40 करोड़ से अधिक व्यूज प्राप्त किए। न्यूयॉर्क पुलिस की इंटेलिजेंस डिप्टी कमिश्नर रेखेका वीनेर ने कहा है कि टेलीग्राम हिंसा फैलाने और गलत काम करने वालों के लिए एक प्रमुख स्थान बन गया है।

फाउंडर पावेल डुरोव की गिरफ्तारी
टेलीग्राम के संस्थापक पावेल डुरोव को पिछले महीने फ्रांस पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उन पर बाल यौन शोषण, ड्रग तस्करी और धोखाधड़ी जैसे गंभीर आरोप हैं। इससे पहले, टेलीग्राम पर कानून की निगरानी का कोई ठोस उपाय नहीं था, लेकिन अब यूरोपीय यूनियन डिजिटल सर्विसेज एक्ट के तहत इसे नई निगरानी का सामना करना पड़ सकता है।

टेलीग्राम की समस्याएं और सरकार की प्रतिक्रिया
ब्रिटेन और आयरलैंड में दंगों और आगजनी में टेलीग्राम की भूमिका की रिपोर्ट्स भी सामने आई हैं। टेलीग्राम के लगभग 1 अरब यूजर हैं, लेकिन यह बाकी तकनीकी कंपनियों से अलग व्यवहार करता है। इसके कर्मचारियों का कहना है कि सरकारी एजेंसियों के मैसेज की जांच बहुत कम की जाती है। इसके विपरीत, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और टिकटॉक जैसे प्लेटफॉर्म्स ने जांच और पुलिस एजेंसियों की मदद के लिए हजारों लोग तैनात कर रखे हैं।

चैनल्स और सुपरग्रुप्स का प्रभाव
टेलीग्राम के चैनल्स और सुपरग्रुप्स के कारण अपराधी और उग्रपंथी गतिविधियों का इकोसिस्टम बढ़ गया है। यहां अवैध नशीली दवाओं, हथियारों और फर्जी एटीएम कार्ड्स की बिक्री होती है। प्लेटफॉर्म पर गोरों की श्रेष्ठता की बात करने वाले ग्रुप्स भी सक्रिय हैं जो माइग्रेंट्स विरोधी सामग्री और गतिविधियां फैलाते हैं। टेलीग्राम की गतिविधियों की जांच और निगरानी का मुद्दा वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण होता जा रहा है। सरकारों और तकनीकी कंपनियों के लिए यह एक बड़ा चुनौती है कि वे इस प्लेटफॉर्म पर बढ़ते अपराध और उग्रपंथी गतिविधियों को कैसे नियंत्रित करें।

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