Edited By Tanuja,Updated: 10 Jun, 2024 04:47 PM
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार को नरेन्द्र मोदी को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने पर शुभकामनाएं दी। मोदी ने...
इस्लामाबाद: आंतकियों का संरक्षक पाकिस्तान वैश्विक मंचों पर भारत के खिलाफ जहर उगलता रहता है। पाकिस्तान पर हाथी के दांत खाने के और दिखाने को और कहावत बहुत सही बैठती है। जैसे एक ओर उसके आतंकियों ने जम्मू में माता वैष्णो देवी के भक्तों पर गोलियां बरसाईं और दूसरी तरफ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जीत की बधाई दे रहे है पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार को नरेन्द्र मोदी को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने पर शुभकामनाएं दी। मोदी को जीत की बधाई देकर पाकिस्तान भले ही अच्छा बन रहा हो मगर हकीकत यह है कि उसे भाजपा नीत गठबंधन सरकार का तीसरा कार्यकाल बिल्कुल पसंद नहीं आया होगा। जम्मू के रियासी में यह आतंकी हमला उस दिन हुआ जब नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले रहे थे।
मोदी ने रविवार को रिकॉर्ड तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में 72 सदस्यीय केंद्रीय मंत्रिपरिषद का नेतृत्व किया। शरीफ भारत के पड़ोसी देशों से एकमात्र प्रधानमंत्री हैं, जिन्हें नयी दिल्ली में शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था। उन्होंने पाकिस्तान के सदाबहार मित्र चीन से लौटने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से उन्हें बधाई दी।
उन्होंने पोस्ट में कहा, ‘‘ भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने पर नरेन्द्र मोदी को बधाई।'' मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड' और श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंधे समेत भारत के पड़ोसी देशों और हिंद महासागर क्षेत्र के शीर्ष नेताओं ने रविवार को ऐतिहासिक शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया। राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य समारोह में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ, उनके भूटानी समकक्ष शेरिंग तोबगे और सेशेल्स के उप राष्ट्रपति अहमद अफिफ भी मौजूद रहे।
पांच अगस्त 2019 को भारतीय संसद द्वारा अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बाद इस्लामाबाद ने नई दिल्ली के साथ अपने संबंधों को कमतर कर दिया था। तब से दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य नहीं हैं। भारत ने लगातार कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी के संबंध चाहता है और अच्छे संबंध के लिए आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने के लिए इस्लामाबाद की जिम्मेदारी पर जोर डालता है।