Edited By Seema Sharma,Updated: 10 Feb, 2020 01:34 PM

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ पिछले करीब दो महीने से शाहीन बाग में चल रहे विरोध-प्रदर्शन के चलते बंद रास्ते को खुलवाने वाली याचिकाओं पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए प्रदर्शनकारियों से पूछा कि पब्लिक रोड जाम करने का अधिकार आपको...
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ पिछले करीब दो महीने से शाहीन बाग में चल रहे विरोध-प्रदर्शन के चलते बंद रास्ते को खुलवाने वाली याचिकाओं पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए प्रदर्शनकारियों से पूछा कि पब्लिक रोड जाम करने का अधिकार आपको किसने दिया। कोर्ट ने कहा कि ऐसे सड़कें जाम करोगे तो कैसे चलेगा। कोर्ट ने कहा कि आप अनिश्चितकाल तक धरने पर नहीं बैठ सकते। साथ कोर्ट ने कहा कि विरोध प्रदर्शन करें लेकिन सार्वजिनक जगहों पर नहीं, यह तरीका गलत है। 58 दिनों से सड़क बंद करके प्रदर्शन करना ठीक नहीं। कोर्ट ने इस मामले में अंतरिम आदेश देने से भी मना कर दिया।
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की खंडपीठ को प्रदर्शन से जनता को होने वाली समस्याओं से अवगत कराया। याचिकाकर्त्ताओं के वकील ने प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाने के लिए कोई आदेश या दिशा-निर्देश देने का कोर्ट से आग्रह किया, जिस पर खंडपीठ ने कहा कि वह फिलहाल कोई आदेश जारी नहीं कर रही। एक सप्ताह और इंतजार कर लें। कोर्ट ने कहा कि किसी को भी धरना प्रदर्शन करने के उसके अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता फिर भी इस बात का ख्याल रखा जाना चाहिए कि धरना प्रदर्शन से आम जनता को किसी तरह की कोई समस्या न हो।

धरना प्रदर्शन एक निर्धारित क्षेत्र में ही किया जाना चाहिए। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 फरवरी की तारीख मुकरर्र की है तथा इस बीच केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करके उन्हें उस दिन तक जवाब देने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि शाहीन बाग में पिछले करीब दो महीने से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ धरना प्रदर्शन जारी है जिसे लेकर नोएडा कालिंदी कुंज का मार्ग अवरुद्ध पड़ा है और यात्रियों को प्रतिदिन भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

