Edited By Harman Kaur,Updated: 10 Apr, 2025 12:46 PM
तमिलनाडु के कोयंबटूर से एक चौंकाने वाला वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक 8वीं कक्षा की छात्रा अपनी परीक्षा देती हुई दिखाई दे रही है, लेकिन वह क्लासरूम के अंदर नहीं, बल्कि स्कूल की सीढ़ियों पर बैठी है। इसके पीछे का...
नेशनल डेस्क: तमिलनाडु के कोयंबटूर से एक चौंकाने वाला वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक 8वीं कक्षा की छात्रा अपनी परीक्षा देती हुई दिखाई दे रही है, लेकिन वह क्लासरूम के अंदर नहीं, बल्कि स्कूल की सीढ़ियों पर बैठी है। इसके पीछे का कारण और भी हैरान करने वाला है- बच्ची को अपनी मासिक धर्म (पीरियड्स) के कारण क्लास में नहीं बैठने दिया गया और उसे बाहर सीढ़ियों पर परीक्षा देने के लिए कहा गया।
यह घटना कोयंबटूर के सेंगुट्टई में स्थित एक निजी स्कूल की है। वीडियो में बच्ची की मां उसे परीक्षा देते हुए देखती है और तुरंत उसके पास जाती है। मां अपनी बेटी से पूछती है कि क्या हुआ है, तो बच्ची बताती है कि उसे बाहर बैठकर परीक्षा देने के लिए स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा था। बच्ची की मां कैमरे पर यह कहते हुए गुस्से में नजर आती है कि उसे सिर्फ इसलिए बाहर बैठाकर परीक्षा क्यों ली जा रही है, क्योंकि वह मासिक धर्म से गुजर रही है।
यह घटना यह साबित करती है कि भारत में आज भी कई जगहों पर मासिक धर्म के मामले में रूढ़िवादी सोच कायम है। कई स्थानों पर यह माना जाता है कि पीरियड्स के दौरान लड़कियों को पूजा-पाठ, खाना पकाना या अन्य सामान्य कार्यों से दूर रखा जाना चाहिए। हालांकि समय के साथ लोगों की सोच बदल रही है, फिर भी अब भी कई जगहों पर लड़कियों को पीरियड्स के दौरान भेदभाव का सामना करना पड़ता है। यह घटना समाज में इस मानसिकता को चुनौती देती है और यह दर्शाती है कि हमें इस मुद्दे पर और अधिक संवेदनशीलता और जागरूकता की आवश्यकता है।