Edited By Parminder Kaur,Updated: 07 Dec, 2024 03:04 PM
देशभर में बागेश्वर सरकार के पंडित धीरेंद्र शास्त्री के दरबारों की काफी चर्चा है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री दावा करते हैं कि वह बिना किसी से पूछे उनके मन की बात जान सकते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। उनके दरबार में लोग चमत्कारी घटनाओं का...
नेशनल डेस्क. देशभर में बागेश्वर सरकार के पंडित धीरेंद्र शास्त्री के दरबारों की काफी चर्चा है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री दावा करते हैं कि वह बिना किसी से पूछे उनके मन की बात जान सकते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। उनके दरबार में लोग चमत्कारी घटनाओं का अनुभव करते हैं, जिसमें किसी व्यक्ति के नाम की पर्ची खोली जाती है और उनकी समस्याओं का समाधान किया जाता है। इस चमत्कारी शक्ति की चर्चा अब तक देशभर में हो रही है। हाल ही में इस पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी और अब एक बार फिर उन्होंने इस विषय पर अपनी बात रखी है।
शंकराचार्य ने की चुनौती
हाल ही में शंकराचार्य जी से एक इंटरव्यू में पूछा गया कि वह बागेश्वर सरकार के चमत्कारों पर क्या सोचते हैं। क्या उन्हें इन चमत्कारों पर विश्वास है? इस सवाल का जवाब देते हुए शंकराचार्य जी मुस्कुराए और कहा कि "मैं पहले भी कह चुका हूं कि हम चमत्कारों पर विश्वास नहीं करते। कोई ऐसा चमत्कार करके तो दिखाए, तभी हम मानेंगे। केवल बागेश्वर सरकार की ही क्यों बात की जाए, कोई और भी चमत्कारी सामने आए तो बात बने।"
पहले भी दी थी प्रतिक्रिया
इससे पहले भी शंकराचार्य जी ने बागेश्वर धाम के चमत्कारों पर अपनी टिप्पणी दी थी। उन्होंने कहा था कि वह व्यक्तिगत रूप से बाबा बागेश्वर को नहीं जानते हैं और रायपुर में जो कार्यक्रम हुआ, उसके बारे में भी उन्हें पूरी जानकारी नहीं है। अगर वहां ज्योतिष शास्त्र के आधार पर भविष्य के बारे में बात की जा रही है, तो वह शास्त्र की कसौटी पर खड़ा होना चाहिए। "अगर कोई बात शास्त्र से मेल खाती है तो हम उसे मान्यता देंगे। धर्मगुरुओं द्वारा कही गई बात शास्त्रों के अनुसार होनी चाहिए, मनमानी नहीं।
जोशीमठ के मामले पर भी बयान
शंकराचार्य ने जोशीमठ में धंसती ज़मीन के बारे में भी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि जो लोग चमत्कारों का दावा करते हैं। अगर वे जोशीमठ में धंसती ज़मीन को रोककर दिखा दें तो फिर उनका चमत्कार मान लिया जाएगा। हालांकि, यह टिप्पणी उन्होंने बिना किसी का नाम लिए की थी। इस पर बागेश्वर धाम की प्रतिक्रिया भी सामने आई थी, जिसमें पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि वह शंकराचार्य जी की भावनाओं का सम्मान करते हैं।