केदारनाथ मंदिर से 228 KG सोना गायब होने का मामला, शंकराचार्य के समर्थक और मंदिर समिति प्रबंधन आमने-सामने

Edited By rajesh kumar,Updated: 17 Jul, 2024 07:12 PM

shankaracharya s supporters and temple committee management face to face

केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह से सोने की कथित चोरी संबंधी आरोपों पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति प्रबंधन और ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के समर्थक आमने-सामने आ गए हैं।

नेशनल डेस्क: केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह से सोने की कथित चोरी संबंधी आरोपों पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति प्रबंधन और ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के समर्थक आमने-सामने आ गए हैं। मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने गर्भगृह से सोने की चोरी के आरोपों को बेबुनियाद और तथ्यहीन बताते हुए आरोप लगाने वालों से विवाद खड़ा करने की बजाय सक्षम स्तर पर मामले की जांच की मांग कराने का अनुरोध किया।

अजय ने इन आरोपों को ‘षड्यंत्र' बताते हुए स्पष्ट किया कि दानदाता द्वारा केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णजड़ित करने की इच्छा प्रकट की गई थी और उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए मंदिर समिति की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव का परीक्षण कर उन्हें ऐसा करने की अनुमति दी गई। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अधिनियम-1939 में निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप ही दानदाता से दान स्वीकारा गया और इसके लिए विधिवत प्रदेश शासन से अनुमति ली गई। मंदिर समिति के अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण विभाग के विशेषज्ञों की देखरेख में गर्भगृह को स्वर्ण मंडित कराने का कार्य किया गया।

गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने का कार्य दानदाता ने स्वयं किया
अजय ने यह भी स्पष्ट किया कि गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने का कार्य दानदाता ने स्वयं किया और उन्होंने ही अपने स्तर से स्वर्णकार से तांबे की प्लेटें तैयार करवाईं और फिर उन पर सोने की परतें चढ़ाई गईं। उन्होंने कहा कि दानदाता ने अपने स्वर्णकार के माध्यम से ही इन प्लेटों को मंदिर में स्थापित भी कराया। मंदिर समिति के अध्यक्ष ने कहा कि सोना खरीदने से लेकर दीवारों पर जड़ने तक का सम्पूर्ण कार्य दानी द्वारा कराया गया तथा मंदिर समिति की इसमें कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं थी। उन्होंने कहा कि कार्य होने के बाद दानदाता ने सभी आधिकारिक बिल एवं वाउचर मंदिर समिति को दे दिए थे, जिसके बाद नियमानुसार इसे स्टॉक बुक में दर्ज किया गया।

दानस्वरूप किए गए इस कार्य हेतु दानी व्यक्ति अथवा किसी फर्म द्वारा मंदिर समिति के समक्ष किसी प्रकार की शर्त नहीं रखी गई और न ही उन्होंने मंदिर समिति से आयकर अधिनियम की धारा-80 जी का प्रमाण पत्र मांगा। अजय ने कहा कि उक्त दानदाता ने 2005 में श्री बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह को भी स्वर्ण जड़ित किया था लेकिन अब एक सुनियोजित षडयंत्र के तहत विद्वेषपूर्ण आरोप लगाये जा रहे हैं।

शंकराचार्य के समर्थन में आए केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित
दूसरी ओर, ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में हुई सोने की चोरी की जांच कराए जाने की मांग के समर्थन‌ में केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित भी आ गए हैं। केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने वीडियो संदेश जारी कर केदारनाथ सोना प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग की। उन्होंने संदेश में कहा कि वे (तीर्थ पुरोहित) शुरुआती दौर से ही केदारनाथ धाम में चांदी और सोने की परत लगाए जाने का विरोध करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि विरोध के बावजूद मंदिर समिति प्रशासन की ओर से पहले चांदी और उसके बाद सोने की परत लगाई गई। केदार सभा के पूर्व अध्यक्ष किशन बगवाड़ी ने आरोप लगाया कि गर्भगृह से सोने की 528 प्लेटों के साथ ही चांदी की 230 प्लेटें भी गायब हैं।

आखिर 230 किलो सोना कहां गया
उन्होंने मंदिर समिति से सवाल किया कि आखिर 230 किलो सोना कहां गया। इसके अलावा, उन्होंने पूर्व में लगी चांदी के बारे में भी मंदिर समिति से जवाब मांगा है। बगवाड़ी ने कहा कि तीर्थ पुरोहित शुरू से ही उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश से इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं लेकिन राज्य सरकार उसे अनसुना करती रही है। उत्तराखंड चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने कहा कि गर्भगृह में लगाए गए सोने की गुणवत्ता को लेकर भी उन्हें संदेह है और उनका सवाल यह है कि मंदिर में लगा सोना तांबे में कैसे बदल गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्व में गढ़वाल आयुक्त की अध्यक्षता में जांच समिति बनाने की बात कही थी लेकिन उसकी रिपोर्ट के बारे में अब तक पता नहीं चल पाया है।

 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!