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शशि थरूर का बड़ा बयान: अगर पार्टी को मेरी जरूरत नहीं, तो मेरे पास विकल्प हैं

Edited By rajesh kumar,Updated: 23 Feb, 2025 03:01 PM

shashi tharoor s big statement if the party does not need me i have options

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ सांसद शशि थरूर को केरल की एलडीएफ सरकार की अर्थव्यवस्था को लेकर की गई टिप्पणी पर अंदरूनी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। थरूर ने पार्टी के भीतर नए मतदाताओं को आकर्षित करने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि केरल कांग्रेस में...

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ सांसद शशि थरूर को केरल की एलडीएफ सरकार की अर्थव्यवस्था को लेकर की गई टिप्पणी पर अंदरूनी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। थरूर ने पार्टी के भीतर नए मतदाताओं को आकर्षित करने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि केरल कांग्रेस में एक मजबूत नेता की कमी हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि तिरुवनंतपुरम से चार बार सांसद चुने जाने से यह साबित होता है कि लोगों ने उनके स्वतंत्र विचारों को समर्थन दिया है।

थरूर ने कांग्रेस के वर्तमान हालात पर जताई चिंता
थरूर ने कांग्रेस के वर्तमान हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि पार्टी को अब अपने पारंपरिक वोटरों से बाहर जाकर और नए लोगों को जोड़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस अपनी अपील बढ़ाने की कोशिश नहीं करती, तो पार्टी को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में फिर से विपक्ष में बैठना पड़ेगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी तिरुवनंतपुरम में अपील पार्टी से कहीं ज्यादा है। यहां तक कि जो लोग आमतौर पर कांग्रेस के खिलाफ थे, उन्होंने भी उन्हें वोट दिया।

27 प्रतिशत और वोट प्राप्त करने की जरूरत
थरूर ने यह भी कहा कि कांग्रेस को अब अपने पुराने वोटर्स के अलावा 26-27 प्रतिशत और वोट प्राप्त करने की जरूरत है ताकि सत्ता में आ सके। उन्होंने बताया कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से जो समर्थन मिला, वह इसका एक उदाहरण है। थरूर ने यह साफ किया कि अगर पार्टी उनके विचारों को नहीं मानती तो वह पार्टी के लिए उपलब्ध रहेंगे, लेकिन उनके पास और भी विकल्प हैं। उनके अनुसार, यदि पार्टी को उनका योगदान चाहिए, तो वह हमेशा पार्टी के लिए तैयार हैं।

कोई सरकार अच्छा काम करें तो उनकी सराहना करनी चाहिए 
उनके हालिया बयानों पर जो विवाद हुआ, जैसे कि पहले नरेंद्र मोदी और अब पिनाराई विजयन की सरकार की सराहना करना, थरूर ने कहा कि वे हमेशा निडर होकर अपने विचार व्यक्त करते हैं। वे मानते हैं कि अगर कोई सरकार अच्छा काम करती है, तो उसकी सराहना करनी चाहिए, भले ही वह कांग्रेस का विरोधी क्यों न हो। थरूर ने पार्टी बदलने की अफवाहों को भी खारिज करते हुए कहा कि वह पार्टी से बाहर जाकर स्वतंत्र रहने में विश्वास नहीं रखते।

सीडब्ल्यूसी को दी ये नसीहत 
उन्होंने कांग्रेस के भीतर संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, ताकि पार्टी भाजपा की तरह राज्यों में अपनी पकड़ बना सके। हालांकि, थरूर ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के बारे में भी अपनी राय व्यक्त की और कहा कि जब वह सदस्य बने, तो उन्होंने किसी खास निर्णय को नहीं देखा। इसके बावजूद, उन्होंने यह स्वीकार किया कि यह पार्टी में एक सम्मानजनक पद है। इस तरह थरूर ने कांग्रेस को अपनी रणनीति पर फिर से सोचने और पार्टी को नए दृष्टिकोण से आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।

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