Edited By Pardeep,Updated: 02 Sep, 2024 11:05 PM
आपको जानकर हैरानी होगी कि देश में एक ऐसा गांव हैं, जहां के लोग चप्पल नहीं पहनते हैं। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इस गांव के लोग बाहर तो चप्पल पहनकर जाते हैं, लेकिन जैसे ही गांव में एंट्री करते हैं चप्पल और जूते को अपने हाथ में टांग लेते हैं।
नेशनल डेस्कः आपको जानकर हैरानी होगी कि देश में एक ऐसा गांव हैं, जहां के लोग चप्पल नहीं पहनते हैं। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इस गांव के लोग बाहर तो चप्पल पहनकर जाते हैं, लेकिन जैसे ही गांव में एंट्री करते हैं चप्पल और जूते को अपने हाथ में टांग लेते हैं।
आप सोच रहे होंगे कि इस गांव में चप्पल पहनना मना क्यों है, तो आपको बता दें कि गांव के लोग ऐसा एक धार्मिक आस्था की वजह से करते हैं। गांव के लोगों का मानना है कि उनके गांव की रक्षा एक देवी करती हैं। इस देवी के सम्मान में लोग चप्पल-जूते नहीं पहनते हैं।
हम जिस गांव की बात कर रहे हैं वह तमिलनाडु राज्य में स्थित है। राज्य की राजधानी चेन्नई से लगभग 450 किलोमीटर दूर अंडमान नाम का गांव है। इस गांव के लोगों का मानना है कि उनकी रक्षा मुथ्यालम्मा नाम की एक देवी करती हैं।
सबसे अनोखी बात यह है कि देवी के सम्मान में लोग पूरे गांव को ही मंदिर मानते हैं। जिस तरह मंदिरों में लोग जूते-चप्पल पहनकर नहीं जाते हैं, उसी तरह इस गांव में भी लोग जूते-चप्पल पहनकर नहीं घुसते। हालांकि, बाहर से आए मेहमानों पर लोग अपने इस रिवाज को थोपते नहीं हैं।
आप अगर कभी इस गांव में जाते हैं तो आपको ग्रामीण हाथ में चप्पल टांगे दिख जाएंगे। दरअसल, गांव से बाहर निकलकर वह चप्पल-जूते पहन लेते हैं। बच्चे भी आपको चप्पल-जूते पहनकर स्कूल जाते दिखेंगे।
इस गांव में जब कोई बाहर से आता हैं तो ग्रामीण इस प्रथा या मान्यता के बारे में लोगों को बताते हैं। अगर बाहरी लोग चप्पल उतारने को लेकर तैयार हो जाते हैं तो लोग खुश हो जाते हैं और अगर कोई तैयार नहीं होता तो उस पर जबरदस्ती दबाव नहीं बनाया जाता। गांव की देवी की मार्च-अप्रैल में तीन दिनों की पूजा होती है।