MUDA घोटाला मामले में बढ़ीं सिद्धारमैया की मुश्किलें, ED ने CM के खिलाफ दर्ज किया केस

Edited By Yaspal,Updated: 01 Oct, 2024 05:56 AM

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लोकायुक्त की प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उनकी पत्नी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) प्रकरण के संबंध में धन शोधन का मामला दर्ज किया है

बेंगलुरुः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लोकायुक्त की प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उनकी पत्नी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) प्रकरण के संबंध में धन शोधन का मामला दर्ज किया है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि संघीय एजेंसी ने मुख्यमंत्री और अन्य के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है। ईडी अपनी ईसीआईआर में सिद्धरमैया के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धाराएं लगाईं हैं। ईसीआईआर पुलिस की प्राथमिकी के समान होती है।

प्रक्रिया के अनुसार, ईडी को पूछताछ के लिए आरोपियों को बुलाने और यहां तक ​कि जांच के दौरान उनकी संपत्ति कुर्क करने का अधिकार है। इस पर मुख्यमंत्री या किसी कांग्रेस नेता की ओर से की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि सिद्धरमैया (76) ने पिछले हफ्ते कहा था कि उन्हें MUDA मामले में निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि विपक्ष उनसे “डरा हुआ” है। उन्होंने यह भी कहा कि यह उनके खिलाफ पहला ऐसा “राजनीतिक मामला” है। उन्होंने यह भी दोहराया कि मामले में उनके खिलाफ अदालत द्वारा जांच के आदेश दिए जाने के बाद भी वह इस्तीफा नहीं देंगे, क्योंकि उन्होंने कुछ गलत काम नहीं किया है। उन्होंने कहा कि वह कानूनी रूप से मुकदमा लड़ेंगे।

मैसूरु स्थित लोकायुक्त पुलिस प्रतिष्ठान ने 27 सितंबर को दर्ज प्राथमिकी में सिद्धरमैया, उनकी पत्नी बी एम पार्वती, साले मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू को नामज़द किया है। स्वामी ने देवराजू से ज़मीन खरीदकर उसे पार्वती को उपहार में दिया था। पिछले हफ्ते बेंगलुरू की एक विशेष अदालत ने इस मामले में सिद्धरमैया के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस को जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज की गई थी। सिद्धरमैया पर MUDA द्वारा उनकी पत्नी बी एम पार्वती को 14 भूखंडों के आवंटन में अनियमितता के आरोप हैं।

हाईकोर्ट ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के खिलाफ MUDA की ओर से उनकी पत्नी को 14 भूखंडों के आवंटन में अनियमितताओं के आरोपों की जांच करने की मंजूरी दिए जाने के फैसले को बरकरार रखा था, जिसके एक दिन बाद विशेष अदालत के न्यायाधीश का प्राथमिकी दर्ज करने संबंधी आदेश आया। MUDA ने मुख्यमंत्री की पत्नी की संपत्ति का ‘अधिग्रहण' किया था और इसके कथित मुआवज़े के तौर पर मैसूरु के पॉश इलाके में भूखंड आवंटित किए थे।

आरोप है कि सिद्धरमैया की पत्नी बी एम पार्वती को मैसूरु के एक पॉश इलाके में मुआवजे के तौर पर जो भूखंड आवंटित किये गये थे, उनकी कीमत MUDA द्वारा अधिग्रहीत की गयी जमीन की तुलना में काफी अधिक थी। MUDA ने पार्वती की 3.16 एकड़ जमीन के बदले में उन्हें 50:50 के अनुपात से भूखंड आवंटित किये थे ,जहां उसने आवासीय लेआउट विकसित किये थे। इस विवादास्पद योजना के तहत MUDA ने उन लोगों को 50 प्रतिशत विकसित जमीन आवंटित की थी, जिनकी अविकसित जमीन आवासीय लेआउट विकसित करने के लिए ली गई थी।

आरोप है कि मैसूरु तालुक के कसाबा होबली के कसारे गांव के सर्वे नंबर 464 में स्थित 3.16 एकड़ जमीन पर पार्वती का कोई कानूनी हक नहीं था। लोकायुक्त ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी की है। यह प्राथमिकी धारा 120बी (आपराधिक षड्यंत्र), 166 (किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाने के इरादे से लोक सेवक द्वारा कानून की अवहेलना), 403 (संपत्ति का बेईमानी से गबन), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी), 426 (शरारत), 465 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 340 (गलत तरीके से बंधक बनाना) और 351 (हमला) के तहत दर्ज की गई है।

इस बीच, MUDA मामले में मुख्यमंत्री के खिलाफ शिकायतकर्ताओं में से एक स्नेहमयी कृष्ण ने भी बेंगलुरु में ईडी के समक्ष एक नई शिकायत दर्ज कराई है। कृष्ण ने कहा, “मैंने शुक्रवार को ईमेल के जरिये ईडी के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी। आज मैंने व्यक्तिगत रूप से ईडी अधिकारियों को अपनी शिकायत सौंपी।” अपनी शिकायत में कृष्ण ने आरोप लगाया कि सिद्धरमैया की पत्नी को MUDA द्वारा 14 भूखंड का आवंटन “आपराधिक गतिविधि” से प्रेरित है। कृष्ण ने दावा किया कि ऐसे अपराध धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के तहत "सूचिबद्ध अपराध" से संबंधित हैं और भूखंडों का आवंटन पीएमएलए के तहत "अपराध की आय" माना जाएगा।

एक अलग घटनाक्रम में, पुलिस ने सोमवार को बताया कि कृष्ण पर महिला ने आरोप लगाया है कि संपत्ति विवाद में उसने महिला को धमकी दी है जिसके बाद कृष्ण के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, मैसूरु जिले के नंजनगुड की निवासी 30 वर्षीय महिला ने आरोप लगाया कि कृष्ण ने 18 जुलाई को उसे और उसकी मां को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी तथा उसे अपने ससुराल वालों के साथ एक संपत्ति के संबंध में विवाद से दूर रहने को कहा था, जिसमें उसके दिवंगत पति का हिस्सा है। प्राथमिकी 21 अगस्त को दर्ज की गई थी। कृष्ण ने आरोप को ‘फर्जी' करार दिया है और मांग की है कि पुलिस मामले की गहन जांच करे ताकि पता लगाया जा सके कि कथित घटना के समय वह कहां थे।

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