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ASER 2024 रिपोर्ट: सरकारी स्कूलों में शिक्षा स्तर में महत्वपूर्ण सुधार, कोविड-19 से जल्दी रिकवरी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Jan, 2025 03:13 PM

significant improvement in education level in government schools

प्रथम द्वारा संचालित वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (ASER) 2024 ने 605 ग्रामीण जिलों में सरकारी स्कूलों में शिक्षा स्तर में महत्वपूर्ण सुधार की सूचना दी है। रिपोर्ट के अनुसार, यह सुधार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधारभूत साक्षरता और अंकगणित (FLN)...

नई दिल्लीः प्रथम द्वारा संचालित वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (ASER) 2024 ने 605 ग्रामीण जिलों में सरकारी स्कूलों में शिक्षा स्तर में महत्वपूर्ण सुधार की सूचना दी है। रिपोर्ट के अनुसार, यह सुधार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधारभूत साक्षरता और अंकगणित (FLN) कार्यक्रम के तहत हुआ है। 

ASER 2024 के प्रमुख निष्कर्षों पर एक नजर:

6-14 आयु वर्ग में 98% नामांकन: भारत भर में 15-16 आयु वर्ग में 7.9% छात्रों का नामांकन नहीं हुआ है (2022 में 7.5%)।

सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर: सभी प्राथमिक कक्षाओं में सुधार: कक्षा I-VIII कक्षा III में बुनियादी पढ़ाई का स्तर: 23.4% (2018 में 20.9% और 2022 में 16.3%)

सरकारी बनाम निजी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर: कक्षा III के सरकारी स्कूलों के छात्रों को कक्षा II का पाठ पढ़ने में सक्षम: 2018 में 20.9%
निजी स्कूलों में 40.6%
2022 में सरकारी स्कूलों का यह आंकड़ा 16.3% और निजी स्कूलों का 33.1% हुआ।
2024 में सरकारी स्कूलों में यह बढ़कर 23.4% और निजी स्कूलों में 35.5% हुआ।

गणितीय स्तर: कक्षा III के छात्रों की घटाना करने की क्षमता 2022 में 25.9% तक गिर गई थी।
2022 से 2024 के बीच सरकारी स्कूलों में छात्रों की घटाना करने की क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई।

स्कूल तैयार कार्यक्रम: 75% से अधिक स्कूलों ने कक्षा I में प्रवेश से पहले छात्रों के लिए स्कूल तैयार कार्यक्रम लागू किया।
95% से अधिक स्कूलों ने सभी कक्षाओं के लिए पाठ्यपुस्तकें वितरित की।

शिक्षित नए माता-पिता: 2014 में: 3-8 आयु वर्ग के बच्चों की माताओं में से 43% और पिताओं में से 25% ने कोई शिक्षा नहीं प्राप्त की थी।
2024 में: यह आंकड़ा माताओं के लिए 24% और पिताओं के लिए 16% हो गया।
माताओं की प्राथमिक विद्यालय या उससे उच्च शिक्षा पूरी करने की दर 43% से बढ़कर 64% हो गई, जबकि पिताओं के लिए यह दर 61% से बढ़कर 72% हो गई।

डिजिटल प्राथमिकता: लगभग 90% लड़के और लड़कियां बताते हैं कि उनके पास घर में स्मार्टफोन है।
80% से अधिक जानते हैं कि स्मार्टफोन का उपयोग कैसे किया जाता है (लड़कों में 85.5% और लड़कियों में 79.4%)।
बिहार, झारखंड, और मध्य प्रदेश में कम अनुपात रिपोर्ट किया गया।

स्मार्टफोन का स्वामित्व: 14 साल के 27% और 16 साल के 37.8% बच्चों के पास अपना फोन है (लड़कों के लिए 36.2% और लड़कियों के लिए 26.9%)।
57% इसका उपयोग शैक्षिक गतिविधियों के लिए करते हैं, जबकि 76% इसका उपयोग सोशल मीडिया के लिए करते हैं (लड़के सोशल मीडिया का अधिक उपयोग करते हैं)।

डिजिटल सुरक्षा: 62% को यह पता था कि किसी प्रोफ़ाइल को कैसे ब्लॉक या रिपोर्ट किया जाए।
55.2% को यह पता था कि प्रोफ़ाइल को निजी कैसे किया जाए।
57.7% को यह पता था कि पासवर्ड कैसे बदला जाए।
लड़कों ने लड़कियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया और लिंग अंतर भी देखा गया।

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