Smartphone Addiction : ड्रग्स से भी ज्यादा खतरनाक है स्मार्टफोन एडिक्शन, इन लक्षणों से करें पहचान

Edited By Utsav Singh,Updated: 30 Oct, 2024 02:18 PM

smartphone addiction is more dangerous than drugs identify

आजकल, हर कोई अपने फोन के साथ समय बिता रहा है। हालांकि लोगों को लगता है कि इससे कोई नुकसान नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह ड्रग्स की तरह खतरनाक हो सकता है। आइए जानते हैं इस पर और विस्तार से।

नेशनल डेस्क : आजकल, लगभग हर कोई अपने स्मार्टफोन के साथ अधिकतर समय बिता रहा है। लोग इसे मनोरंजन, जानकारी और संवाद का एक साधन मानते हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह व्यवहार ड्रग्स की लत के समान खतरनाक हो सकता है। आइए इस पर गहराई से चर्चा करें। 

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स्क्रीन टाइम में बढ़ोतरी
विशेषज्ञ इस बात पर सहमत नहीं हैं कि कितने घंटे का स्क्रीन टाइम लत माना जाएगा। लेकिन 2023 के एक शोध के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति रोज़ 4 घंटे से अधिक समय तक स्क्रीन पर रहता है, तो यह एक लत की श्रेणी में आ सकता है। ऐसे लोग खाने, पीने और सोने के समय भी फोन का इस्तेमाल करते रहते हैं। नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी की मनोवैज्ञानिक डॉ. दारिया कस का कहना है कि यह एक आदत से शुरू होकर समस्या में बदल जाता है।

फोन का असर रोज़मर्रा की जिंदगी पर
विशेषज्ञों का मानना है कि स्मार्टफोन की लत हमारे दैनिक कार्यों में रुकावट डालती है। जब भी आप किसी काम में लगे होते हैं, फोन आपकी एकाग्रता को प्रभावित करता है। इसका नकारात्मक असर आपके काम, रिश्तों और अन्य जिम्मेदारियों पर पड़ सकता है।

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मूड पर प्रभाव
कई लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल केवल मनोरंजन के लिए नहीं करते, बल्कि अपने मूड को बदलने के लिए भी करते हैं। खुशी या ग़म के किसी भी मौके पर, लोग अपने फोन का सहारा लेते हैं। ऐसे में फोन दिमाग के लिए डोपामाइन जैसा काम करने लगता है, जैसे कि ड्रग्स करते समय होता है।

मानसिक स्वास्थ्य पर असर
किंग्स कॉलेज लंदन के प्रोफेसर डॉ. ग्रिफिथ का कहना है कि स्मार्टफोन का अत्यधिक इस्तेमाल मानसिक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। खासकर जब किसी व्यक्ति को डिप्रेशन जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है, तो यह स्थिति और गंभीर हो जाती है। यदि कोई व्यक्ति अपने फोन पर ज्यादा एंगेजमेंट नहीं पा रहा है, तो वह चिड़चिड़ा और मूडी महसूस कर सकता है। इससे न केवल व्यक्ति की मानसिक स्थिति प्रभावित होती है, बल्कि यह उसके सामाजिक जीवन और दैनिक गतिविधियों पर भी नकारात्मक असर डाल सकता है।

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शारीरिक स्वास्थ्य पर असर
हालांकि स्मार्टफोन का प्रभाव सीधे तौर पर आपके शरीर पर ड्रग्स की तरह नहीं होता, लेकिन इसकी लत कुछ शारीरिक लक्षण पैदा कर सकती है। प्रोफेसर ग्रिफिथ कहते हैं कि आपको मतली, हाथों में पसीना और पेट में ऐंठन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ये लक्षण अन्य बीमारियों के समान हो सकते हैं।

स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं
हाल के अध्ययनों से स्पष्ट हुआ है कि स्मार्टफोन की लत कई स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ी हुई है, जैसे सिरदर्द, पीठ दर्द, और अनिद्रा। अधिक स्क्रीन टाइम के कारण हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, और अवसाद जैसी गंभीर स्थितियाँ भी उत्पन्न हो सकती हैं। डिजिटल युग में स्मार्टफोन एक आवश्यक उपकरण बन गया है, लेकिन इसकी लत के दुष्प्रभावों से सतर्क रहना बेहद महत्वपूर्ण है। नियमित रूप से अपने फोन से दूर रहकर हम अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का बेहतर ध्यान रख सकते हैं। इसलिए, स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते समय संतुलन बनाए रखना जरूरी है। अपनी दिनचर्या में डिजिटल डिटॉक्स शामिल करना एक अच्छा उपाय हो सकता है, जिससे हम स्वस्थ रह सकें।

 

 

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