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UPI Transactions: 2000 रुपये से ज़्यादा की UPI ट्रांजैक्शन पर लगेगा Tax! सामने आई बड़ी अपडेट

Edited By Anu Malhotra,Updated: 19 Apr, 2025 09:28 AM

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सोशल मीडिया पर बीते कुछ दिनों से एक अफवाह तेजी से फैल रही थी कि 2000 रुपये से अधिक की UPI ट्रांजैक्शन पर सरकार अब GST वसूलने की तैयारी कर रही है। यह खबर लोगों में भ्रम और चिंता का कारण बन गई। लेकिन अब इस पूरे मामले पर वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट बयान...

नेशनल डेस्क: सोशल मीडिया पर बीते कुछ दिनों से एक अफवाह तेजी से फैल रही थी कि 2000 रुपये से अधिक की UPI ट्रांजैक्शन पर सरकार अब GST वसूलने की तैयारी कर रही है। यह खबर लोगों में भ्रम और चिंता का कारण बन गई। लेकिन अब इस पूरे मामले पर वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट बयान जारी करते हुए इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया है।

सरकार ने बताया: 'कोई टैक्स नहीं लग रहा'

वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि इस तरह का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। 2000 रुपये से अधिक के डिजिटल लेन-देन पर GST लगाने की बात पूरी तरह से निराधार और भ्रामक है। सरकार का उद्देश्य डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देना है, न कि उस पर कर लगा कर लोगों को हतोत्साहित करना। सरकार ने 2020 से ही डिजिटल पेमेंट्स पर लगने वाला मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) हटा दिया है। यानी UPI ट्रांजैक्शन करने पर न तो उपभोक्ताओं को कोई शुल्क देना पड़ता है और न ही व्यापारियों पर कोई अतिरिक्त टैक्स लागू होता है।

डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं

सरकार डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं भी चला रही है। 2021 से एक विशेष प्रोत्साहन योजना लागू की गई है, जिसमें P2M (Person to Merchant) ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए सर्विस प्रोवाइडर्स को रिवॉर्ड्स दिए जाते हैं। इससे ट्रांजैक्शन लागत की भरपाई हो सके और छोटे व्यापारी भी डिजिटल पेमेंट को अपनाने के लिए प्रेरित हों।

इस योजना के अंतर्गत:

  • 2021-22 में ₹1389 करोड़,

  • 2022-23 में ₹2210 करोड़,

  • 2023-24 में ₹3631 करोड़
    डिजिटल पेमेंट्स के लिए आवंटित किए गए।

भारत बना डिजिटल भुगतान का वैश्विक लीडर

वित्त मंत्रालय के अनुसार, भारत में UPI के माध्यम से डिजिटल पेमेंट्स में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। एसीआई वर्ल्डवाइड की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में दुनिया भर में जितने डिजिटल भुगतान हुए, उनमें से 49% अकेले भारत में हुए। जहां 2019-20 में UPI ट्रांजैक्शन का कुल मूल्य ₹21.3 लाख करोड़ था, वहीं मार्च 2025 तक यह आंकड़ा ₹260 करोड़ ट्रांजैक्शंस और ₹59.3 लाख करोड़ मर्चेंट पेमेंट्स तक पहुंच चुका है। यह उपभोक्ताओं के बीच डिजिटल भुगतान पर बढ़ते भरोसे का साफ संकेत है।

घबराएं नहीं, बेफिक्र होकर करें UPI पेमेंट

सरकार का संदेश साफ है – डिजिटल लेन-देन को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। 2000 रुपये से ऊपर की UPI ट्रांजैक्शन पर किसी भी प्रकार का GST नहीं लगाया गया है और न ही भविष्य में ऐसा कोई प्रस्ताव है। सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों से सावधान रहें और केवल आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें।

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