Edited By rajesh kumar,Updated: 15 Feb, 2025 02:12 PM
![son martyr pulwama attack selected under 19 team](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_14_11_333173983sehwag-ll.jpg)
पुलवामा आतंकी हमले को आज 6 साल पूरे हो गए हैं। 14 फरवरी 2019 को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकी ने विस्फोटक से भरे वाहन को सीआरपीएफ जवानों की बस से टक्कर मारी थी, जिसके बाद जोरदार धमाका हुआ था। इस हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे।
नई दिल्ली: पुलवामा आतंकी हमले को आज 6 साल पूरे हो गए हैं। 14 फरवरी 2019 को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकी ने विस्फोटक से भरे वाहन को सीआरपीएफ जवानों की बस से टक्कर मारी थी, जिसके बाद जोरदार धमाका हुआ था। इस हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे।
वीरेंद्र सहवाग का बड़ा फैसला
पुलवामा हमले के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान वीरेंद्र सहवाग ने एक दिल छूने वाला कदम उठाया था। उन्होंने शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों के बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने का जिम्मा लिया था। सहवाग इस जिम्मेदारी को निभा रहे हैं, और शहीदों के परिवारों की मदद कर रहे हैं।
राहुल सोरेंग और अर्पित सिंह की कड़ी मेहनत
सहवाग इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ाई कर रहे राहुल सोरेंग और अर्पित सिंह उन शहीदों के बच्चे हैं, जिनके पिता पुलवामा हमले में शहीद हुए थे। राहुल के पिता विजय सोरेंग और अर्पित के पिता राम वकील इस हमले में शहीद हो गए थे। राहुल सोरेंग अब क्रिकेट की दुनिया में अपनी पहचान बना रहे हैं, और हाल ही में उनका चयन हरियाणा अंडर-19 टीम में हुआ है।
वीरेंद्र सहवाग ने पुलवामा हमले की छठी बरसी पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, "इस दुखद दिन को 6 साल हो गए हैं। हमारे बहादुर जवानों की शहादत की भरपाई नहीं हो सकती, लेकिन राहुल सोरेंग और अर्पित सिंह पिछले 5 सालों से सहवाग इंटरनेशनल स्कूल में हैं, जो मेरे लिए सबसे संतोषजनक अनुभवों में से एक है। राहुल को हाल ही में हरियाणा अंडर-19 टीम में चुना गया है। सभी बहादुरों को नमन।"
राहुल की सफलता की यात्रा
राहुल सोरेंग, जो झारखंड के गुमला जिले से हैं, ने सहवाग इंटरनेशनल स्कूल में कड़ी मेहनत और ट्रेनिंग की है। उनके क्रिकेटिंग कौशल को विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में निखारा गया है। उनकी मेहनत का फल अब मिला है, और वह हरियाणा अंडर-19 टीम में जगह पाने में सफल हुए हैं। राहुल की यह यात्रा आशा की किरण है और यह दिखाती है कि कैसे एक सकारात्मक पहल युवाओं को उनके सपनों को पूरा करने का अवसर देती है।
शहीदों की बलिदान और परिवारों का समर्थन
राहुल और अर्पित की सफलता भारतीय सैनिकों के बलिदान और उनके परिवारों को सम्मान देने की अहमियत को भी दर्शाती है। वीरेंद्र सहवाग ने अपने इस प्रयास के जरिए शहीदों के परिवारों की मदद की है और उनके बच्चों को एक उज्जवल भविष्य की दिशा दिखाई है।