Edited By Harman Kaur,Updated: 27 Jan, 2025 04:12 PM
2025 का महाकुंभ हर श्रद्धालु के लिए विशेष महत्व रखता है और हर कोई गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए लालायित है। इसी कड़ी में, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के सुदेश पाल मलिक अपनी 95 वर्षीय मां जगबीरी देवी को बग्गी में...
नेशनल डेस्क: 2025 का महाकुंभ हर श्रद्धालु के लिए विशेष महत्व रखता है और हर कोई गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए लालायित है। इसी कड़ी में, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के सुदेश पाल मलिक अपनी 95 वर्षीय मां जगबीरी देवी को बग्गी में बैठाकर पैदल कुंभ यात्रा पर निकल पड़े हैं। उनका सपना है कि अपनी मां को लेकर वे प्रयागराज पहुंचें और वहां त्रिवेणी संगम में उन्हें डुबकी लगवाएं।
यात्रा की शुरुआत
सुदेश पाल मलिक ने अपनी यात्रा रविवार को शुरू की। वह अपने गांव मोघपुर, जो कि खतौली ब्लॉक के तहत आता है, से यात्रा पर निकले। उनका कहना है कि इस यात्रा में उन्हें लगभग 13 से 14 दिन का समय लग सकता है। उनका उद्देश्य न केवल अपनी मां के साथ एक धार्मिक यात्रा पर जाना है, बल्कि यह भी कि मां को उनके आशीर्वाद का प्रतिफल मिल सके।
मां के आशीर्वाद से शुरू की यात्रा
सुदेश पाल मलिक के अनुसार, उनके पैर पहले खराब हो चुके थे, लेकिन उनकी मां के आशीर्वाद से उनकी तबीयत ठीक हो गई। अब वह अपनी मां को लेकर प्रयागराज के महाकुंभ में जाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। वह अपने एकलौते पुत्र होने के नाते इस यात्रा को एक श्रद्धांजलि के रूप में देख रहे हैं, जो उन्होंने अपनी मां के आशीर्वाद से शुरू की है।
सुदेश पाल के बहन और भांजा कार में चल रहे हैं साथ
इस यात्रा में सुदेश पाल के साथ उनकी बहन और भांजा रोबिन कार में चल रहे हैं। कार में परिवार ने सभी आवश्यक चीजों, जैसे राशन और अन्य सामान, की व्यवस्था की है। यात्रा के शुरुआत में ही गांव के लोग उत्साहित नजर आए और उन्होंने सुदेश पाल का गर्मजोशी से स्वागत किया।
पहले भी की थी पदयात्रा
सुदेश पाल मलिक ने बताया कि इससे पहले भी उन्होंने अपनी मां को लेकर शुक्रताल की यात्रा की थी, जहां उन्होंने 35 किलोमीटर पैदल यात्रा की थी। उनका कहना है कि भगवान के आशीर्वाद से वह इस यात्रा पर निकल पड़े हैं और अपनी मां को इस यात्रा में साथ लेकर जाना उनके लिए बेहद खास है। अब सुदेश पाल और उनकी मां की यात्रा का उद्देश्य है कि वे सफलतापूर्वक प्रयागराज पहुंचें और वहां त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित करें। इस यात्रा से न केवल सुदेश पाल, बल्कि उनके परिवार के अन्य सदस्य भी आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।