Edited By rajesh kumar,Updated: 26 Nov, 2024 01:46 PM
राजधानी दिल्ली में भले ही कोहरा ज्यादा असर नहीं दिखा रहा हो, लेकिन आसपास के राज्यों में कोहरे का प्रभाव साफ नजर आ रहा है। इसी वजह से दिल्ली आने वाली कई ट्रेनें देरी से चल रही हैं। हालांकि, पहले की तुलना में रेलवे की पंक्चुअलिटी (समय पर ट्रेनों का...
नेशनल डेस्क: राजधानी दिल्ली में भले ही कोहरा ज्यादा असर नहीं दिखा रहा हो, लेकिन आसपास के राज्यों में कोहरे का प्रभाव साफ नजर आ रहा है। इसी वजह से दिल्ली आने वाली कई ट्रेनें देरी से चल रही हैं। हालांकि, पहले की तुलना में रेलवे की पंक्चुअलिटी (समय पर ट्रेनों का संचालन) में काफी सुधार हुआ है।
इस बीच भारतीय रेलवे ने कोहरे के मौसम को देखते हुए विशेष योजना बनाई है। रेलवे ने तय किया है कि 1 दिसंबर से कोहरे से अधिक प्रभावित इलाकों में स्पेशल ट्रेनें नहीं चलाई जाएंगी।हालांकि, जहां कोहरे का असर कम होगा और स्पेशल ट्रेनों की जरूरत महसूस होगी, वहां इन्हें चलाया जा सकता है।
कोहरे से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके
रेलवे के 18 जोन में से चार जोन कोहरे से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। इनमें उत्तर रेलवे (दिल्ली, लखनऊ, मुरादाबाद), नॉर्थ-ईस्ट रेलवे, नॉर्थ-सेंट्रल रेलवे और नॉर्थ-वेस्ट रेलवे शामिल हैं। इन जोनों के प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, लखनऊ, आगरा, जयपुर और वाराणसी में कोहरे का ज्यादा असर पड़ता है।
कोहरे के कारण ट्रेनों की स्पीड कम करनी पड़ती है और कई बार सुपरफास्ट ट्रेनों को भी कैंसिल करना पड़ता है। इसके अलावा, कोहरे और प्रदूषण के समय दिल्ली और आसपास के इलाकों में बनने वाला स्मॉग (धुंध और धुआं का मिश्रण) रेलवे ऑपरेशन को और अधिक प्रभावित करता है।
यात्रियों के लिए विशेष तैयारी
रेलवे ने यात्रियों की परेशानी कम करने के लिए विशेष तैयारियां की हैं:
- रूटीन ट्रेनें प्राथमिकता पर: कोहरे के मौसम में पहले से चल रही नियमित ट्रेनों को समय पर चलाने पर जोर दिया जाएगा।
- स्पेशल ट्रेनों पर रोक: अधिक प्रभावित इलाकों में स्पेशल ट्रेनें नहीं चलाई जाएंगी।
- अतिरिक्त सुविधाएं: बड़े रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों के लिए बैठने, खाने-पीने और इंतजार करने की अतिरिक्त व्यवस्था की जाएगी।
- जरूरत के अनुसार स्पेशल ट्रेनें: अगर किसी क्षेत्र में कोहरे का असर नहीं है और स्पेशल ट्रेन की जरूरत महसूस होती है, तो उसे चलाया जाएगा।
कोहरे का असर क्यों पड़ता है?
रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, कोहरे के कारण ट्रेनें धीमी चलती हैं, जिससे एक ट्रेन की देरी का असर दूसरी ट्रेनों पर भी पड़ता है। खासकर उत्तर भारत में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है।
यात्रियों के लिए राहत की उम्मीद
रेलवे का कहना है कि हर साल कोहरे के मौसम में समय पर ट्रेनें चलाने और यात्रियों को कम से कम परेशानी हो, इसके लिए बड़े पैमाने पर योजना बनाई जाती है। इस साल भी रेलवे ने तैयारियों को मजबूत किया है ताकि यात्रियों को यात्रा के दौरान अधिक समस्या न हो।