स्पेक्ट्रम वारः Jio और Airtel को चुनौती देगी एलन मस्क की स्टारलिंक, देखिए क्या है फैसला?

Edited By Rahul Rana,Updated: 10 Nov, 2024 10:58 AM

spectrum war elon musk s starlink will challenge jio and airtel

सैटेलाइट ब्रॉडबैंड संचार के स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए एयरटेल और जियो सीमित वैधता पर जोर दे रहे हैं। भारत सरकार ने सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटित करने की घोषणा की है। दोनों कंपनियों ने आवंटन की शर्तों और मूल्य निर्धारित करने के...

नेशनल डेस्क। सैटेलाइट ब्रॉडबैंड संचार के स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए एयरटेल और जियो सीमित वैधता पर जोर दे रहे हैं। भारत सरकार ने सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटित करने की घोषणा की है। दोनों कंपनियों ने आवंटन की शर्तों और मूल्य निर्धारित करने के सरकारी पुनर्मूल्यांकन से पहले 3-5 साल की अवधि का प्रस्ताव रखा है। बता दें कि यह प्रतिक्रिया संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की टिप्पणी के बाद आई, जिसमें उन्होंने सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाओं को नीलामी के बजाय प्रशासनिक रूप से निर्धारित मूल्य पर पेश करने का संकेत दिया था। 

बता दें कि इस रुख ने भारत के दूरसंचार दिग्गजों को इलॉन मस्क के स्टारलिंक और अमेजॉन के कुइपर के साथ सीधी प्रतिस्पर्धा में खड़ा कर दिया। दोनों अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने टेरेस्ट्रियल लाइसेंस की तरह साझा स्पेक्ट्रम 20 वर्ष की अवधि के लिए आवंटित करने का आग्रह किया है।


इन प्रणालियों में दो-तरफा संचार की कुछ सीमाएं

भारत अब तक जियोस्टेशनरी अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट का ज्यादातर इस्तेमाल इमेजरी और घरों के लिए सीधे प्रसारण के लिए करता रहा है। इन प्रणालियों में दो-तरफा संचार की कुछ सीमाएं हैं, क्योंकि वे पृथ्वी से 36,000 किमी दूर एक कक्षा में काम कर रहे हैं लेकिन अब, स्टारलिंक और कुइपर पृथ्वी से सिर्फ 160 से 2,000 किमी की दूरी पर कक्षा में उपग्रहों को तैनात कर रहे हैं। ये उन्हें उच्च क्षमता वाली ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करने के लिए अनुकूल बनाते हैं। 

आम स्मार्टफोन पकड़ पाएंगे सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सिग्नल 

बता दें कि सिर्फ हाई-एंड फोन आपातकालीन संदेशों के रूप में सैटेलाइट संचार (सैटकॉम) प्रदान करते हैं। अमेरिकी चिप निर्माता क्वालकॉम ऐसे चिपसेट डिजाइन कर रहा है जिससे आम स्मार्टफोन सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सिग्नल पकड़ पाएंगे। इस सेवा की कीमतें आम सेवाओं जैसी या सस्ती हो सकती हैं। 

JIO का स्पेक्ट्रम की नीलामी का प्रस्ताव 

एयरटेल ने स्पेक्ट्रम को आवंटित करने के लिए दोहरी रणनीति का प्रस्ताव दिया है। इसमें शहरी क्षेत्रों में नीलामी और वंचित, दूरदराज व कनेक्टिविटी की सबसे अधिक जरूरतों के क्षेत्रों में प्रशासित मूल्य पर आवंटन शामिल है। दूसरी ओर जियो ने नीलामी से स्पेक्ट्रम आवंटन की वकालत की है।

क्या मानना है सरकार का?

मस्क का वेंचर स्टारलिंक और अमेजन का प्रोजेक्ट कुइपर सैटकॉम स्पेक्ट्रम के प्रशासनिक आवंटन का सपोर्ट करते हैं। वहीं जियो और एयरटेल का मानना है कि सरकार द्वारा पूर्व-निर्धारित मूल्य पर सैटेलाइट ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम देने से असमान खेल का मैदान बनेगा। हालांकि, संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस पर सरकार का रुख साफ करते हुए कहा है कि सैटेलाइट स्पेक्ट्रम का प्रशासनिक आवंटन होना वैश्विक रुझान के अनुरूप है।

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