Edited By Rohini Oberoi,Updated: 25 Mar, 2025 12:55 PM

भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग की राजनीतिक भूमिका को लेकर सेना और राजनीतिक दलों के बीच विवाद गहराता जा रहा है। इस विवाद में छात्रों के नवगठित राजनीतिक दल "नेशनल सिटिजन पार्टी" के नेताओं ने...
नेशनल डेस्क। भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग की राजनीतिक भूमिका को लेकर सेना और राजनीतिक दलों के बीच विवाद गहराता जा रहा है। इस विवाद में छात्रों के नवगठित राजनीतिक दल "नेशनल सिटिजन पार्टी" के नेताओं ने बांग्लादेशी सेना का नाम घसीटा और उसे भारतीय हस्तक्षेप का एक साधन बताया। इससे राजधानी ढाका की छावनियों में हलचल बढ़ गई है और सियासी सरगर्मी भी तेज हो गई है। इस पर प्रमुख राजनीतिक दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी भी नाराज है। बीएनपी के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान ने इसे सेना को बदनाम करने की साजिश करार दिया है।
सेना में हलचल बढ़ी
ढाका में बढ़ती राजनीतिक अस्थिरता के बीच सेना में भी हलचल तेज हो गई है। सेना की बैठकों का दौर तेज हो गया है और सैन्य गतिविधियाँ बढ़ गई हैं। बांग्लादेश की नौवीं इन्फेंट्री डिवीजन अब ढाका पहुंच चुकी है।
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क्या ढाका में इमरजेंसी लग सकती है?
बांग्लादेश की नौवीं इन्फेंट्री डिवीजन के ढाका पहुंचने से यह अफवाहें तेज हो गई हैं कि ढाका में कभी भी इमरजेंसी की घोषणा हो सकती है। हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है और फिलहाल यह सिर्फ कयास लगाए जा रहे हैं। इमरजेंसी की खबरें इतनी तेज़ी से फैलीं कि अंतरिम सरकार के गृह सचिव नसीमुल गनी को आकर सफाई देनी पड़ी और बताया कि यह सभी खबरें सिर्फ अफवाहें हैं। इसके बावजूद बांग्लादेश में बढ़ते असंतोष और बदलते राजनीतिक माहौल को देखकर यह साफ है कि ढाका में सियासी स्थिति तेजी से बदल रही है।
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सेना का समर्थन, छात्र नेताओं का आरोप
यूनुस के समर्थन से बनी छात्र नेताओं की पार्टी ने आरोप लगाया है कि बांग्लादेश की सेना शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग का राजनीतिक पुनर्वास चाहती है। उनका कहना है कि सेना अवामी लीग के लिए मध्यस्थता की कोशिश कर रही है। हालांकि विवाद के बाद छात्र नेताओं की ओर से इस बयान पर कोई सफाई नहीं दी गई है।
वहीं सियासी माहौल और सेना की गतिविधियों के बीच बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति पर नज़र बनी हुई है।