महाराष्ट्र : फडणवीस और उद्धव ठाकरे की लिफ्ट में मुलाकात से कयासों का दौर शुरू

Edited By Utsav Singh,Updated: 27 Jun, 2024 09:17 PM

speculations started due meeting fadnavis and uddhav thackeray in lift

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की बृहस्पतिवार को संयोगवश विधानभवन की लिफ्ट में मुलाकात हुई जिसे लेकर राज्य के सियासी हलकों में कयासों का दौर शुरू हो गया, लेकिन तुरंत ही दोनों नेताओं ने इस...

महाराष्ट्र : महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की बृहस्पतिवार को संयोगवश विधानभवन की लिफ्ट में मुलाकात हुई जिसे लेकर राज्य के सियासी हलकों में कयासों का दौर शुरू हो गया, लेकिन तुरंत ही दोनों नेताओं ने इस मुलाकात को तूल नहीं देने की कोशिश की। महाराष्ट्र विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले दिन एक समय राजनीतिक मित्र रहे फडणवीस और ठाकरे एक साथ लिफ्ट का इंतजार कर रहे थे। प्रसारित वीडियो में दोनों नेता इस दौरान संक्षिप्त बातचीत करते दिखते हैं।

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ठाकरे ने बाद में कहा, ‘‘लोगों ने उस गाने के बारे में सुना होगा कि ‘न न करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे'। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।'' उन्होंने संवाददाताओं से हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि लिफ्ट के कान नहीं होते तथा लिफ्ट में इस तरह की और मुलाकात एक अच्छी बात है। ठाकरे पूर्व में भाजपा के सहयोगी थे लेकिन अब दोनों दलों के बीच खटास आ गई है। उन्होंने कहा कि लिफ्ट की घटना का कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जाना चाहिए क्योंकि यह एक ‘‘अप्रत्याशित मुलाकात'' थी।

इस मौके पर लिफ्ट में ही मौजूद रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक प्रवीण दारेकर ने कहा, ‘‘जब लिफ्ट का दरवाजा खुला तो फडणवीस सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यालय की ओर बढ़ गए जबकि उद्धव जी विपक्षी पार्टी कार्यालय की ओर चले गए। इसका मतलब है कि उनका सत्तारूढ़ दल के साथ जुड़ने का कोई इरादा नहीं है।''उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में विरोधी होने के बावजूद नेताओं की सम्मानजनक और सौहार्दपूर्ण संबंध रखने की समृद्ध विरासत रही है।

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शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि ठाकरे और फडणवीस की मुलाकात दिखाती है कि राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन शत्रुता नहीं है। विधान भवन में संवाददाताओं से बातचीत में शिरसाट ने कहा कि राजनीतिक लड़ाई हो सकती है लेकिन व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘इस (मुलाकात) का अर्थ आप समझ सकते हैं कि हमारी निजी लड़ाई नहीं है। उद्धव साहेब को समझना चाहिए कि उन्हें संजय राउत (शिवसेना-यूबीटी सांसद) जैसे नेताओं द्वारा भ्रमित किया गया। राय अलग होनी चाहिए लेकिन शत्रुता नहीं। यह उसका उदाहरण है।''

सत्तारूढ़ दल के विधायक ने कहा कि महाराष्ट्र में मतभेद होने के बावजूद सौहार्दपूर्ण संबंध रखने की लंबी राजनीतिक परंपरा है। शिरसाट ने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में ठाकरे के विपक्षी महा विकास अघाडी (एमवीए) की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा होने की संभावना नहीं है। भाजपा के वरिष्ठ मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने भी ठाकरे से विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष अम्बादास दानवे के कार्यालय में मुलाकात की। पाटिल ने ठाकरे को गुलदस्ता और चॉकलेट भेंट की। इस मौके पर ठाकरे ने शुक्रवार को पेश किए जाने वाले राज्य के बजट में शामिल रियायतों की ओर स्पष्ट इशारा करते हुए चुटकी ली और कहा, ‘‘आप कल लोगों को एक और चॉकलेट देंगे।''

 

 

 

 

 

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