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एम. के. स्टालिन ने पीएम मोदी पर मछुआरों के मुद्दे पर तमिलनाडु की मांग को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया

Edited By Rahul Rana,Updated: 07 Apr, 2025 03:21 PM

stalin accuses pm modi of ignoring tamil

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मछुआरों के मुद्दे पर तमिलनाडु की मांग को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने अपनी हालिया श्रीलंका यात्रा के दौरान कच्चातीवु द्वीप को वापस लेने के...

नेशनल डेस्क: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मछुआरों के मुद्दे पर तमिलनाडु की मांग को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने अपनी हालिया श्रीलंका यात्रा के दौरान कच्चातीवु द्वीप को वापस लेने के मुद्दे को उठाने की कोशिश नहीं की। स्टालिन ने विधानसभा में इस मुद्दे को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने न तो मछुआरों को रिहा करने के लिए कोई कदम उठाया और न ही उनकी नौकाओं को छुड़वाने के लिए कुछ किया। एम. के. स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की श्रीलंका यात्रा को लेकर निराशा जताई है और कहा है कि इस दौरान तमिलनाडु की महत्वपूर्ण मांगों को अनदेखा किया गया। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार मछुआरों की भलाई के लिए लगातार काम करती रहेगी और कच्चातीवु द्वीप के मुद्दे को लेकर वह केंद्र से अपनी मांगें उठाते रहेंगे।

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कच्चातीवु द्वीप की वापसी की मांग

स्टालिन ने विधानसभा में बयान देते हुए कहा, "इससे केवल यही सिद्ध होता है कि प्रधानमंत्री ने कच्चातीवु को वापस पाने की तमिलनाडु की पुरानी और लंबित मांग की अनदेखी की है। ऐसा बिल्कुल नहीं लगता कि प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका जाकर मछुआरों की रिहाई का मुद्दा उठाया होगा।" उन्होंने इसे खेदजनक और निराशाजनक करार दिया। 

तमिलनाडु सरकार की स्थिति

हालांकि केंद्र ने तमिलनाडु के मछुआरों को निराश किया है, लेकिन स्टालिन ने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार मछुआरों के कल्याण के लिए लगातार प्रयास करती रहेगी। उन्होंने रामेश्वरम के थंगाचिमादम में मछली पकड़ने के लिए एक नया बंदरगाह बनाने की घोषणा की और कई अन्य योजनाओं का निर्माण करने का इरादा व्यक्त किया। 

कच्चातीवु द्वीप को वापस लेने की संसद से मांग
  
पिछले सप्ताह, तमिलनाडु विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें केंद्र सरकार से आग्रह किया गया था कि वह कच्चातीवु द्वीप को वापस ले। यह द्वीप भारत ने 1974 और 1976 के समझौतों के तहत श्रीलंका को सौंप दिया था। तमिलनाडु सरकार का मानना है कि कच्चातीवु को वापस पाने से राज्य के मछुआरों के पारंपरिक मछली पकड़ने के अधिकारों की सुरक्षा होगी और यह एक स्थायी समाधान होगा। 

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प्रधानमंत्री से विशेष आग्रह
 
विधानसभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी आग्रह किया था कि वे श्रीलंका सरकार से बातचीत करें, ताकि राज्य के सभी बंदी मछुआरों को उनकी नौकाओं सहित रिहा कराया जा सके। विधानसभा के अनुसार, यह काम प्रधानमंत्री अपनी श्रीलंका यात्रा के दौरान ही कर सकते थे। 

प्रधानमंत्री की श्रीलंका यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में थाईलैंड और श्रीलंका की यात्रा पर गए थे और कोलंबो से कल नई दिल्ली लौटे हैं। हालांकि, तमिलनाडु सरकार और विधानसभा का यह मानना था कि इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री को कच्चातीवु द्वीप की वापसी और मछुआरों की रिहाई पर बातचीत करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

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