Edited By Anu Malhotra,Updated: 14 Nov, 2024 08:57 AM
भारत में Starlink सेवा की संभावित लागत सामने आई है। उपयोगकर्ताओं को सेवा के लिए हर महीने अतिरिक्त ₹7,425 का भुगतान करना होगा। बता दें कि भारत में Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सेवा के लॉन्च की परिस्थितियाँ अनुकूल होती नजर आ रही हैं। हाल ही में केंद्रीय...
नेशनल डेस्क: भारत में Starlink सेवा की संभावित लागत सामने आई है। उपयोगकर्ताओं को सेवा के लिए हर महीने अतिरिक्त ₹7,425 का भुगतान करना होगा। बता दें कि भारत में Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सेवा के लॉन्च की परिस्थितियाँ अनुकूल होती नजर आ रही हैं। हाल ही में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने घोषणा की कि देश Starlink को सैटेलाइट इंटरनेट लाइसेंस देने के लिए तैयार है, बशर्ते कंपनी भारत के सुरक्षा और नियामकीय शर्तों का पालन करे।
मंत्री सिंधिया ने बताया कि Starlink को अन्य सैटेलाइट सेवाओं की तरह ही सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, Starlink ने डेटा स्टोरेज और सुरक्षा से जुड़े भारतीय नियमों का पालन करने की सहमति जताई है, जो इस सेवा के लिए लाइसेंस प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, कंपनी को अभी इन शर्तों को पूरी तरह स्वीकार करने की औपचारिक प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
इसके अलावा, सेवा की कीमत को लेकर एक और महत्वपूर्ण कारक सैटेलाइट स्पेक्ट्रम का आवंटन है। सरकार ने सैटेलाइट स्पेक्ट्रम के लिए प्रशासनिक आवंटन का इरादा जताया है, लेकिन इसके लिए अंतिम सिफारिशें भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) द्वारा 15 दिसंबर तक की जानी हैं। यह निर्णय सरकार को सैटेलाइट इंटरनेट सेवा के लिए आवश्यक रेडियो वेव्स (स्पेक्ट्रम) के आवंटन के तरीकों को निर्धारित करने में मदद करेगा, जिससे पूरे देश में सैटेलाइट आधारित ब्रॉडबैंड सेवाओं के विस्तार की संभावनाएँ बढ़ेंगी।
TRAI फिलहाल इन नियमों पर हुई जनसुनवाई से आए विभिन्न बिंदुओं की समीक्षा कर रहा है, जिसमें कुछ ऐसे मुद्दे भी शामिल हैं जो मूल परामर्श दस्तावेज में नहीं थे। यदि Starlink का प्लान सफलतापूर्वक लागू होता है, तो भारत में इसकी सेवाओं की लागत क्या होगी?
भारत में Starlink सेवा की संभावित लागत
फिलहाल, Starlink की सेवा की कीमत आधिकारिक रूप से घोषित नहीं की गई है, लेकिन भारत में इसके पूर्व प्रमुख के अनुसार, पहले साल में इसकी लागत लगभग ₹1,58,000 हो सकती है। दूसरे साल से, यह सेवा लगभग ₹1,15,000 प्रति वर्ष होगी, जिसमें 30% टैक्स शामिल है। इसका कारण यह है कि सेवा के लिए आवश्यक उपकरण एक बार ही खरीदा जाता है।
उपकरण की मूल कीमत लगभग ₹37,400 हो सकती है, और उपयोगकर्ताओं को सेवा के लिए हर महीने अतिरिक्त ₹7,425 का भुगतान करना होगा।
जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने अपनी नाराजगी जाहिर की
स्टारलिंक के भारत में आने को लेकर जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। जियो और एयरटेल का कहना है कि स्पेक्ट्रम का आवंटन नीलामी के माध्यम से होना चाहिए, ताकि सभी टेलीकॉम ऑपरेटरों को समान अवसर मिल सकें। इन कंपनियों का मानना है कि वे स्पेक्ट्रम खरीदने के साथ-साथ टेलीकॉम टावर और अन्य बुनियादी ढांचे में भारी निवेश करती हैं, इसलिए उन्हें बराबरी का मौका मिलना चाहिए।
स्टारलिंक ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि उसकी सेवा परंपरागत टेलीकॉम सेवाओं से अलग है और वह उपग्रह आधारित इंटरनेट प्रदान करती है, जिसके लिए टेलीकॉम कंपनियों के नेटवर्क की आवश्यकता नहीं होती।