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कोलकाता: आरजी कर मामले में राज्य सरकार को अदालत के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की मिली अनुमति

Edited By Radhika,Updated: 21 Jan, 2025 06:31 PM

state government allowed to appeal court order in rg kar case

पश्चिम बंगाल सरकार ने आरजी कर अस्पताल के चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या करने के मामले में दोषी को मौत की सजा देने का अनुरोध करते हुए मंगलवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में अपील दायर की और अदालत से आवश्यक अनुमति प्राप्त की।

नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल सरकार ने आरजी कर अस्पताल के चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या करने के मामले में दोषी को मौत की सजा देने का अनुरोध करते हुए मंगलवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में अपील दायर की और अदालत से आवश्यक अनुमति प्राप्त की। सियालदह अदालत ने संजय रॉय को मामले में मृत्यु तक कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती देने की घोषणा की थी और मुख्यमंत्री की इस घोषणा के 24 घंटे से भी कम समय में राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है।

महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने सियालदह के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास द्वारा पारित आदेश को चुनौती देने के लिए मंगलवार सुबह न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बार रशीदी की खंडपीठ के समक्ष याचिका दायर की। एक अधिकारी ने बताया, ‘‘सरकार ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और अपील दायर करने के लिए अदालत की अनुमति प्राप्त कर ली है।'' उच्च न्यायालय के सूत्रों ने कहा कि अगर अपील दायर करने की प्रक्रिया मंगलवार तक पूरी हो जाती है तो मामले से संबंधित न्यायिक प्रक्रिया इसी सप्ताह शुरू हो सकती है। सियालदह अदालत ने रॉय को राज्य द्वारा संचालित आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक के साथ दुष्कर्म करने और उसकी हत्या का दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने मृत्युदंड की मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह ‘दुर्लभतम' अपराध नहीं है। अदालत ने रॉय को 50 हजार रुपये का जुर्माना भरने का भी आदेश दिया और राज्य सरकार को मृत चिकित्सक के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति दास ने मामले में एकमात्र दोषी रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। न्यायाधीश ने अपने आदेश में यह भी कहा कि ‘हमारा कर्तव्य क्रूरता का बदला क्रूरता से लेना नहीं है, बल्कि ज्ञान, करुणा और न्याय की गहरी समझ के माध्यम से मानवता को ऊपर उठाना है...।''

सियालदह अदालत के फैसले पर असंतोष व्यक्त करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा था कि अगर इस मामले को कोलकाता पुलिस ने संभाला होता तो दोषी के लिए मृत्युदंड सुनिश्चित हो जाता। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम सभी ने मौत की सजा की अपील की थी, लेकिन अदालत ने मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा दी है... मामला हमसे जबरन छीन लिया गया। अगर यह कोलकाता पुलिस के पास होता, तो हम सुनिश्चित करते कि उसे मौत की सजा मिले।'' सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर अपने हैंडल में अधिक आलोचनात्मक टिप्पणी करते हुए बनर्जी ने बताया कि राज्य सरकार सियालदह अदालत के फैसले को चुनौती देगी और कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी।

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