Edited By Archna Sethi,Updated: 25 Sep, 2022 05:39 PM
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)सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा और कला एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग तथा कला परिषद के सहयोग से कुरुक्षेत्र के विरासत हेरिटेज विलेज में राज्य स्तरीय विरासत सांझी उत्सव का आयोजन किया गया। इसमें प्रदेश भर से 50 से अधिक महिलाओं ने भाग...
चण्डीगढ, 25 सितम्बर- ((अर्चना सेठी) )सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा और कला एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग तथा कला परिषद के सहयोग से कुरुक्षेत्र के विरासत हेरिटेज विलेज में राज्य स्तरीय विरासत सांझी उत्सव का आयोजन किया गया। इसमें प्रदेश भर से 50 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया। सांझी लोक सांस्कृतिक परम्पराओं का त्योहार है। हरियाणा तथा उत्तरी भारत में धूमधाम से सांझी बनाने की परम्परा है। इसी कड़ी में विरासत हेरिटेज विलेज में दूसरा राज्य स्तरीय हरियाणा सांझी उत्सव आयोजित किया गया। विरासत सांझी उत्सव में सोनीपत, कुरुक्षेत्र, रोहतक, जींद, अंबाला, पानीपत, यमुनानगर, करनाल, हिसार, झज्जर सहित कई जिलों से महिलाओं ने भाग लिया। लोकजीवन में सांझी कला बालिकाओं की लोक कलात्मक अभिव्यक्ति की परिचायक है। इसी परम्परा को पुनर्जीवित करने के लिए विरासत हेरिटेज विलेज में सांझी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ग्रामीण महिलाओं ने सांझी माता के गीत भी गाए।
विरासत हेरिटेज विलेज में आयोजित सांझी उत्सव के दौरान प्रदेश भर से पहुंची महिलाओं ने हरियाणा सांझी उत्सव में भाग लेकर हरियाणा की लोक कला सांझी को बचाने का संदेश दिया। झज्जर जिला के गांव छारा की रहने वाली दिल्ली पुलिस में इंस्पेक्टर कमलेश दलाल ने भी विरासत सांझी उत्सव में भाग लिया। उन्होंने कहा कि हम बचपन में सांझी बनाते थे, उन्हीं यादों को जीवंत करने के लिए विरासत सांझी उत्सव में भाग लेने के लिए आए हैं। विरासत हेरिटेज हरियाणवी संस्कृति को बचाने के लिए सांझी उत्सव के माध्यम से सार्थक पहल कर रहा है।
हरियाणवी संस्कृति विशेषज्ञ डॉ. महासिंह पूनिया ने कहा कि हरियाणा की लोक कला की पूरे भारत में अलग पहचान है। आज अमावस्या के दिन गांवों में ग्रामीण बालिकाएं एवं महिलाएं सांझी माता को लगाकर उसकी पूजा करती हैं तथा उसकी अराधना करती हैं। गांवों में मिट्टी से बनाई जाने वाली लोक कला सांझी धीरे-धीरे लुप्त हो रही है। सांझी के संरक्षण तथा इसको युवा पीढ़ी से जोडऩे की आवश्यकता है।